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इलेक्ट्रिक बसों के प्रस्ताव में ही घोटाले की बू, 750 करोड़ का है घोटाला: अजय माकन

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में दिल्ली सरकार ने ऐसी एक बस की कीमत 2.5 करोड़ बताई है जबकि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने इसे 1.75 करोड़ रुपये में खरीदी है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 10:59 PM (IST)
इलेक्ट्रिक बसों के प्रस्ताव में ही घोटाले की बू, 750 करोड़ का है घोटाला: अजय माकन
इलेक्ट्रिक बसों के प्रस्ताव में ही घोटाले की बू, 750 करोड़ का है घोटाला: अजय माकन

नई दिल्ली [जेएनएन]। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि 'आप' सरकार द्वारा एक हजार इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के प्रस्ताव में ही घोटाले की बू आ रही है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में दिल्ली सरकार ने ऐसी एक बस की कीमत 2.5 करोड़ बताई है जबकि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने इसे 1.75 करोड़ रुपये में खरीदी है।

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माकन ने कहा कि यह साफ तौर पर 750 करोड़ का घोटाला है। विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित पत्रकार वार्ता में माकन ने 'आप' सरकार को पर्यावरण संरक्षण के मोर्चे पर भी असफल करार दिया। उन्होंने कहा कि कहने को सरकार ने इस वर्ष ग्रीन बजट पेश किया, लेकिन उसके तहत अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2009 में एक कानून के माध्यम से दिल्ली में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाद में इसे सभी प्लास्टिक पैकेजिंग और एकल उपयोग डिस्पोजल प्लास्टिक में वितरित किया था, लेकिन यह प्रतिबंध शायद ही कभी लागू किया गया हो।

माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली-मेरठ हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए भी अभी तक न तो स्वीकृति दी है और न ही बजट जारी किया है। इसी तरह दिल्ली में कहने को 971 प्रदूषण जांच केंद्र हैं, लेकिन परिवहन विभाग में केवल 28 निरीक्षक हैं और उनमें से केवल एक इंस्पेक्टर जो इतने सारे स्टेशनों के निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र जारी हो ही नहीं सकते।

पैरामेडिकल सेंटर के प्रोजेक्ट खारिज करने की निंदा

प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 को नजफगढ़ में 100 बिस्तरों के अस्पताल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस का शिलान्यास किया था। लेकिन, चार साल बीतने के बाद भी अस्पताल का प्रोजेक्ट पूरा नही हुआ है, जबकि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस का प्रोजेक्ट तो भाजपा की केंद्र सरकार ने खत्म ही कर दिया है। यह नजफगढ़ क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात है, क्योंकि इसके बनने से हजारों लोगों को रोजगार मिलता, सैकड़ों गरीब विद्यार्थियों को दाखिले मिलते।

पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि इस इंस्टीटयूट के लिए यूपीए सरकार द्वारा एचएलएल (हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड) लाइफकेयर लिमिटेड को 86 करोड़ भी अदा किए गए थे। इसमें से छह करोड़ रुपये उस समय इसकी डीपीआर बनाने में खर्च कर दिए गए थे। एचएलएल के पास 80 करोड़ रुपये शिलान्यास के समय से बचे हुए है, जबकि अस्पताल और मेडिकल इंस्टीट्यूट की लागत 245 करोड़ निश्चित की गई थी।

डॉ. प्रमोद पाहवा कांग्रेस में शामिल

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव नसीब सिंह के साथ डॉ. प्रमोद पाहवा, जो विदेश नीति के विशेषज्ञ हैं को कांग्रेस में शामिल किया। पत्रकार वार्ता में माकन के अलावा वरिष्ठ नेता चतर सिंह व मुख्य मीडिया कोऑर्डिनेटर मेहंदी माजिद मौजूद थे। 

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