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मुंबई की तर्ज पर दिल्ली में भी रोका जाएगा प्रदूषण, जानिये- सीपीसीबी का एक्शन

दिल्ली के पांच व्यस्त इंटरसेक्शन पर एयर प्यूरीफायर डिवाइस लगाने की योजना है। इसके लिए ईपीसी फंड से 2 करोड़ 65 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

By Edited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 08:33 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 01:39 PM (IST)
मुंबई की तर्ज पर दिल्ली में भी रोका जाएगा प्रदूषण, जानिये- सीपीसीबी का एक्शन
मुंबई की तर्ज पर दिल्ली में भी रोका जाएगा प्रदूषण, जानिये- सीपीसीबी का एक्शन

नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। सर्दी के मौसम में साफ हवा के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) तकनीक का भी सहारा लेगा। इस दिशा में सीपीसीबी तीन बड़े और 17 छोटे प्रोजेक्ट काम कर रहा है। वायु (विंड ऑगमेंटेशन एंड एयर प्यूरिफाइंग यूनिट) यह सबसे अहम डिवाइस है। दिल्ली के पांच व्यस्त इंटरसेक्शन पर इस तरह के 57 डिवाइस लगाने की योजना है। इसके लिए ईपीसी फंड से 2 करोड़ 65 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं।

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आइटीओ, आनंद विहार, वजीरपुर, शादीपुर और भीकाजी कामा प्लेस इंटरसेक्शन पर इसे स्थापित किया जाएगा। हालांकि मुंबई में इसका इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन यह अधिक प्रभावी नहीं है। वहीं सीपीसीबी के अनुसार मुंबई और दिल्ली में काफी फर्क है। यह यूनिट प्रदूषित हवा को अंदर खींचकर बाहर स्वच्छ हवा छोड़ेगी।

बसों पर लगाए जाएंगे परियंत्र फिल्ट्रेशन डिवाइस

सड़कों पर प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए परियंत्र फिल्ट्रेशन डिवाइस लगाए जाएंगे। सीपीसीबी को यह सुझाव मानव रचना यूनिवर्सिटी ने भेजा है। इसका ट्रायल इसे 30 बसों में फिट करके किया जाएगा। 30 बसों में इसे लगाने का खर्च कुल 19.74 लाख रुपये होगा। इसकी मदद से पीएम 10 और पीएम 2.5 कम होगा। सीपीसीबी के मुताबिक बसें सड़कों पर रहती हैं। एक रूट पर एक समय में तीन से चार बसें होती हैं। ऐसे में यह उपकरण प्रभावी हो सकता है।

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कंस्ट्रक्शन साइटों पर लगेंगे डस्ट सस्पेंशन

कंस्ट्रक्शन साइटों पर सर्दी से पहले डस्ट सस्पेंशन लगाए जाएंगे। इन्हें तीन जगहों पर लगाया जाएगा। इन पर दो लाख रुपये का खर्च आएगा। इनमें एक रसायन मैग्नीशियम क्लोराइड का भी इस्तेमाल होगा। इस रसायन के प्रयोग से धूल पर दस घंटे तक काबू पाया जा सकता है। यह डिवाइस हवा में मौजूद धूल व सीमेंट के कणों को खींचने में सक्षम है। सीपीसीबी के अनुसार इस डिवाइस का कुछ जगहों पर इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन सीपीसीबी ईपीसी फंड से पैसा देने से पूर्व इसका ट्रायल करना चाहती है।

सर्दी में न बिगड़े एनसीआर की हवा, सीपीसीबी ने कसी कमर

इन सर्दियों में दिल्ली एनसीआर की हवा नहीं बिगड़े, इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। इस पर 15 सितंबर से अमल शुरू कर दिया जाएगा। सोमवार को सीपीसीबी के सदस्य सचिव प्रशांत गार्गवा ने बताया कि टास्क फोर्स की 40 टीमें 15 सितंबर से विभिन्न क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट बनाना शुरू कर देंगी। इसमें संबंधित क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति व कारणों की जानकारी होगी। कार्रवाई के लिए यह रिपोर्ट संबंधित स्थानीय निकाय तथा नई दिल्ली नगर पालिका परिषद को भेजी जाएगी। टास्क फोर्स की हर सप्ताह समीक्षा बैठक भी होगी।

प्रदूषित इलाकों के लिए अलग से एक्शन प्लान

प्रशांत ने बताया कि आनंद विहार, डीटीयू और आरके पुरम इत्यादि सर्वाधिक प्रदूषित इलाकों के लिए अलग से एक्शन प्लान रहेगा। निर्माण संबंधी गतिविधियों, खुले में कचरा जलाने और सड़कों की सफाई से प्रदूषण न फैले, इसके लिए इस बार निगरानी व्यवस्था मजबूत रहेगी। इसके लिए नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) व विशेषज्ञ समूह की मदद भी ली जा रही है। इसमें जन सहयोग की भी भूमिका रहेगी।

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अलर्ट जारी किया जाएगा

सीपीसीबी के वैज्ञानिक 'डी' वी के शुक्ला ने बताया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) 15 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। इस बार यातायात पुलिस और मेट्रो के सौ से अधिक डिस्प्ले बोर्डों पर एयर इंडेक्स और एडवायजरी भी प्रदर्शित की जाएगी। हर माह पीएम 2.5 और पीएम 10 का विश्लेषण किया जाएगा। मौसम विभाग के सहयोग से अलर्ट जारी किया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि अगले सप्ताह मौसम और प्रदूषण का क्या हाल रहने वाला है।


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