Air Pollution in India: क्या हवाई यात्रा से भी बढ़ रहा है प्रदूषण, इस पर होगा विस्तृत अध्ययन
Air Pollution in India उड़ने एवं उतरने के दौरान तो हवाई जहाज चार गुना तक जहरीली गैसों का उत्सर्जन करते ही हैं और हवाई जहाज के चालू रहने से भी प्रदूषण फैल रहा है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली-एनसीआर सहित देश-दुनिया में आबोहवा को प्रदूषित करने में सड़क ही नहीं, हवाई सफर भी अहम भूमिका निभा रहा है। उड़ने एवं उतरने के दौरान तो हवाई जहाज चार गुना तक जहरीली गैसों का उत्सर्जन करते ही हैं, रनवे पर जाम होने के कारण नीचे और ऊपर दोनों ही जगह हवाई जहाज के चालू रहने से भी प्रदूषण फैल रहा है।
वहीं, स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने इस पर विस्तृत अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। सरकारी स्तर पर इसे लेकर कुछ मानक तय करने की जरूरत भी महसूस की जा रही है। यही वजह है कि सीपीसीबी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया को इस आशय का नोटिस भी जारी कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक हवाई जहाजों में हालांकि रिफाइंड एविएशन टरबाइन ऑयल का उपयोग किया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण काफी कम होता है। लेकिन विमानों के ईंधन से जो सेकेंडरी ऑर्गेनिक एयरोसोल उत्पन्न होते हैं, वे पर्यावरण की दृष्टि से खासी चिंता का विषय हैं। यह प्रदूषण तब ज्यादा होने लगता है जब हवाई जहाज को उड़ने एवं उतरने के दौरान आधे से लेकर एक घंटे तक का भी इंतजार करना पड़ जाता है। इस दौरान विमान का इंजन चालू रहता है, ईंधन जलता रहता है। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट पर चलने वाली ज्यादातर गाड़ियां भी डीजल चालित होती हैं जो प्रदूषण फैलाती हैं।
इसी के मद्देनजर हाल ही में हुई सीपीसीबी की 190 वीं बोर्ड बैठक में इस विषय पर गंभीरता से विचार हुआ। अधिकारियों की ओर से बताया गया कि हवाई यात्रा से बढ़ते वायु प्रदूषण पर अध्ययन के लिए नागरिक उडडयन के महानिदेशक से स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही इस दिशा में शोधपरक अध्ययन शुरू हो जाएगा।
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडा देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। अकेले यही से हर रोज तकरीबन 700 यात्री और 500 कार्गों विमानों का आवागमन होता है। इसके बाद दूसरे नंबर पर मुंबई का छत्रपति शिवाजी हवाई अडडा आता है।
2013 में सामने आई एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हवाई सफर से सालाना करीब एक मिलियन टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्पन्न हो रही है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश की जीडीपी में 1.5 फीसद हिस्सा उड्डयन क्षेत्र का ही है। निकट भविष्य में भारत उड्डयन हिस्सेदारी वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होगा।
डॉ. अनिल गुप्ता (सदस्य, सीपीसीबी) के मुताबिक, हवाई यात्राओं से होने वाले प्रदूषण पर सीपीसीबी जल्द अध्ययन शुरू करने जा रहा है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर इस प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कुछ मानक भी तय किए जाएंगे।