दिल्ली को वायु प्रदूषण के कुप्रभावों से बचाना है तो लोगों को सरकार का पूरा सहयोग देना होगा
दिल्ली सरकार की स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों पर वार करने की योजना सर्वथा उचित है। इस दिशा में ‘रेडलाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान व्यस्त चौराहों पर वाहनों का ईंधन जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को घटाने में निश्चित तौर पर लाभदायक साबित होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से दिल्ली में ‘रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया जाना स्वागतयोग्य है। दिल्ली सरकार के ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ के तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेडलाइट होने पर वाहन रोकने के साथ ही वाहन चालकों से इंजन बंद कर देने का आह्वान किया था। अब दिल्ली सरकार 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक यह अभियान चलाएगी। इसके लिए राजधानी के सौ व्यस्त चौराहे चिह्न्ति किए गए हैं, जहां सरकार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक ढाई हजार पर्यावरण मार्शलों की तैनाती कर गांधीगीरी के जरिये वाहनों के इंजन बंद करवाना सुनिश्चित करवाएगी।
सरकार ने इसके साथ सांसदों, विधायकों, पार्षदों, राजनीतिक दलों, आरडब्ल्यूए, औद्योगिक एवं सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों को जोड़ने की रणनीति बनाई है। साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो रहे स्कूली बच्चों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है। सरकार का दावा है कि इससे वायु प्रदूषण का स्तर घटाने में तो मदद मिलेगी ही, ईंधन की भी बचत होगी, जिससे वाहन चालकों को लाभ होगा।
दिल्ली में हर साल सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर गहरा जाता है। इसमें जहां उत्तरी राज्यों में खेतों में जलाई जाने वाली पराली के धुएं की अहम भूमिका होती है, वहीं स्थानीय कारक भी प्रदूषण बढ़ाने में खासा योगदान देते हैं। दिल्ली सरकार की स्थानीय स्तर पर वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों पर वार करने की योजना सर्वथा उचित है। इस दिशा में ‘रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान व्यस्त चौराहों पर वाहनों का ईंधन जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को घटाने में निश्चित तौर पर लाभदायक साबित होगा। यदि सरकार ‘रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से वाहन चालकों को जागरूक करने में सफल होती है तो यह वायु प्रदूषण का स्तर में काफी कमी ला सकती है। वायु प्रदूषण के कुप्रभावों से बचाने के लिए दिल्लीवासियों को सरकार को पूरा सहयोग करना चाहिए।
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