Move to Jagran APP

GOOD NEWS: एम्स के वार्ड व इमरजेंसी में 24 घंटे जांच की हुई सुविधा, तीन घंटे में उपलब्ध होगी रिपोर्ट

AIIMS Good News एम्स के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ( एनसीआइ ) में रोबोटिक लैब व एम्स के न्यू ओपीडी में स्मार्ट लैब शुरू की गई थी। इस तरह एम्स में तीन अत्याधुनिक लैब उपलब्ध हो गई हैं ।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 07:14 AM (IST)
GOOD NEWS: एम्स के वार्ड व इमरजेंसी में 24 घंटे जांच की हुई सुविधा, तीन घंटे में उपलब्ध होगी रिपोर्ट
पुराने ओपीडी ब्लाक में शुरू हुई आटोमेटेड लैब

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स के पुराने ओपीडी ब्लाक में अत्याधुनिक आटोमेटेड ड्राई केमिस्ट्री लैब की शुरुआत की गई। यह एम्स की तीसरी अत्याधुनिक लैब है। इससे एम्स के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में रोबोटिक लैब व एम्स के न्यू ओपीडी में स्मार्ट लैब शुरू की गई थी। इस तरह एम्स में तीन अत्याधुनिक लैब उपलब्ध हो गई हैं। आटोमेटेड ड्राई केमिस्ट्री लैब में अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों व इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों की 24 घंटे जांच की सुविधा उपलब्ध हो गई है। पहले ऐसी सुविधा नहीं थी।

loksabha election banner

एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नई लैब में प्रतिदिन करीब 50 हजार सैंपल के बराबर जांच हो सकेगी और तीन घंटे के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी। इस वजह से वार्ड व इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को इलाज में आसानी होगी। लैब मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सुब्रत सिन्हा ने कहा कि पहले वार्ड व इमरजेंसी में भर्ती मरीजों के सैंपल सुबह 10:30 बजे तक लिए जाते थे। उन सैंपल की बहुत गहराई से विश्लेषण कर जांच रिपोर्ट देने में 24 घंटे समय लग जाता था। सुबह 10:30 बजे के बाद जो सैंपल लिए जाते थे उसकी बहुत गहराई से अध्ययन कर जांच की क्षमता नहीं थी और बहुत कम मार्कर की ही जांच हो पाती थी। अब आटोमेटेड ड्राई केमिस्ट्री लैब में 24 घंटे जांच की सुविधा होने से वार्ड व इमरजेंसी में भर्ती मरीज की हालत गंभीर होने पर किसी भी वक्त जांच की जा सकती है। हर घंटे करीब ढाई हजार सैंपल की जांच हो सकती है।

खास बात यह है कि इस लैब में एक सैंपल से 50 पैरामीटर की जांच हो सकती है। इससे बढ़ाकर एक सैंपल से 80 से 90 पैरामीटर की भी जांच कर पाना संभव है। वहीं एक दिन में जांच की क्षमता बढ़ाकर दोगुना भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज की हालत के अनुसार जब जरूरत होगी उसी वक्त जांच की जा सकती है और रिपोर्ट के लिए 24 घंटे इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रिपोर्ट देने का समय 21 घंटे तक कम हो गया है।

पानी की भी होगी बचत

इस ओटोमेटेड ड्राई कमेस्ट्री लैब से पानी की भी बचत होती है। इसके अलावा जांच के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता का जांच पर असर नहीं पड़ता। दरअसल, लैब में जांच के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रिएजेंड पाउडर के रूप में आता है। इसमें पानी मिलाकर तैयार किया जाता है। डा. सुब्रत सिन्हा ने कहा कि यह लैब शुरू होने से प्रतिदिन करीब 2500 लीटर पानी की बचत होगी। नए ओपीडी ब्लाक में स्थित स्मार्ट लैब में प्रतिदिन दो लाख सैंपल के बराबर जांच करने की क्षमता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.