AIIMS Research: छह महीने बाद नहीं रह पाता कोरोनारोधी टीके का खास असर, ओमिक्रोन में कितना प्रभावी वैक्सीन?
AIIMS Research एम्स के डाक्टरों का अध्ययन मेडिकल जर्नल लांसेट रीजनल हेल्थ में प्रकाशित हुआ है। टीकाकरण के दो माह तक ओमिक्रोन से बचाव में टीका 52.5 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। दो से तीन माह तक 35.2 प्रतिशत व तीन से छह माह के बीच 29.4 प्रतिशत असरदार रहा।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोनारोधी टीका ओमिक्रोन के संक्रमण से बचाव में भी फायदेमंद साबित हुआ। एम्स के डाक्टरों द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि टीके की दोनों डोज लेने के 14 दिन बाद से लेकर दो माह तक टीका ओमिक्रोन से बचाव में 52.5 प्रतिशत असरदार साबित रहा।
एम्स ने यह अध्ययन स्वास्थ्य कर्मियों पर किया है, जिन्हें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। इस अध्ययन में खास यह है कि अंतराल बढ़ने के साथ टीके का प्रभाव कम होता जाता है। इस कारण दोनों डोज टीका लगने के छह माह बाद ओमिक्रोन से बचाव में खास असरदार नहीं पाया गया।
एम्स का यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लांसेट रीजनल हेल्थ साउथ-ईस्ट एशिया में प्रकाशित हुआ है।एम्स के डाक्टरों ने ओमिक्रोन के संक्रमण के दौरान अस्पताल के 11,474 स्वास्थ्य कर्मियों पर यह अध्ययन किया, जिसमें मेडिकल के छात्र, रेजिडेंट डाक्टर, फैकल्टी स्तर के वरिष्ठ डाक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, पैरामेडिकल व अन्य कर्मचारी शामिल थे।
इसका मकसद ओमिक्रोन के दौरान हुए दोबारा संक्रमण और टीके के प्रभाव का आंकलन करना था। अध्ययन में शामिल 83 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मी दोनों डोज टीका ले चुके थे। 88 प्रतिशत कर्मचारियों ने कोवैक्सीन व 11 प्रतिशत कर्मचारियों ने कोविशील्ड टीका लिया था।
ओमिक्रोन के संक्रमण के दौरान 2527 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित हुए। पहली व दूसरी लहर में कोरोना से संक्रमित हो चुके 28.40 प्रतिशत (1007) कर्मचारियों को ओमिक्रोन के प्रकोप के दौरान दोबारा संक्रमण हुआ।
इसके अलावा पहली व दूसरी लहर में कोरोना के संक्रमण से जो कर्मचारी बचे हुए थे, उनमें से 1520 कर्मचारी (19.17 प्रतिशत) भी ओमिक्रोन के संक्रमण से पीडि़त हुए। इनमें से 98.4 प्रतिशत कर्मचारियों को हल्का व 1.6 प्रतिशत कर्मचारियों को मध्यम स्तर का संक्रमण हुआ था।
अध्ययन में पाया गया कि जिन स्वास्थ्य कर्मियों को दोनों डोज लिए हुए 14 दिन से 60 दिन हुआ था, उन्हें ओमिक्रोन का संक्रमण कम हुआ। इसलिए ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों पर टीका कोरोना से बचाव में 52.5 प्रतिशत कारगर पाया गया। जिन कर्मचारियों को टीका लिए हुए 61 दिन से 120 दिन समय हुआ था, उन पर टीके का असर 35.2 प्रतिशत रहा और 121 से 180 दिन के बीच टीका 29.4 प्रतिशत रहा असरदार रहा।
छह माह के बाद टीके का खास प्रभाव नहीं पाया गया। इस कारण जिन कर्मचारियों को टीके की दोनों डोज लिए हुए छह माह से अधिक हो चुका था, वे ओमिक्रोन से अधिक संक्रमित हुए। एम्स के कई विभागों के डाक्टरों ने मिलकर यह अध्ययन किया है।
ओमिक्रोन का संक्रमण होने के बाद बनी बेहतर इम्युनिटी इस अध्ययन में शामिल मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अरविंद कुमार ने कहा कि इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि यदि टीका लगाए तीन-चार माह से अधिक हो चुका हो तो जोखिम भरे परिस्थिति में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्कता डोज जरूरत लेना चाहिए, लेकिन किसी को अति उत्साह में निर्धारित अवधि से पहले सतर्कता डोज नहीं लेना चाहिए।
इसके अलावा यह भी देखा गया है कि अल्फा, डेल्टा, गामा या किसी अन्य वैरियंट के मुकाबले ओमिक्रोन का संक्रमण होने के बाद बेहतर इम्युनिटी मिलती है।