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Delhi: कोरोना से जंग के बीच AIIMS के 5 हजार नर्सिंग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए

एम्स में कार्यरत नर्सों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। ये हड़ताल सोमवार से शुरू हो गई है। नर्स यूनियन की कई मांगे हैं जिसमें छठां वेतन आयोग भी शामिल है। गुलेरिया ने कहा कि महामारी के इस दौर में सच्चे नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 07:26 AM (IST)
Delhi: कोरोना से जंग के बीच AIIMS के 5 हजार नर्सिंग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए
गुलेरिया ने बयान जारी कर नर्सें से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह] वैश्विक महामारी कोरोना से जंग के बीच एम्स नर्सिंग यूनियन ने वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस वजह से एम्स के पांच हजार नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग कर्मचारी मरीजों को असहाय छोड़कर वार्ड से बाहर निकल गए। इससे एम्स में हड़कंप मच गया। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने महामारी के बीच नर्सों की हड़ताल और वेतन बढ़ोतरी की मांग को अनुचित करा दिया है और इस घटना को एम्स के लिए शर्मसार करने वाला करा दिया।

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वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव आर भूषण ने इस संबंध में कहा है कि AlIMS दिल्ली को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। नर्सिंग कार्यों में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए।

उधर, डॉ. रणदीप गुलेरिया ने नर्सिंग कर्मचारियों से ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील की। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि एम्स के सभी कर्मचारियों ने कोरोना के दौर में बेहतरीन काम किया है। दुर्भाग्य से नर्सिंग यूनियन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2020 को नर्स व एएनएम का साल घोषित किया है। दुनिया कोरोना की महामारी के कारण युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रही है। नर्सों ने भी मरीजों की सेवा के लिए दिन रात काम किए हैं। वास्तविक नर्सिंग कर्मचारी अपने मरीजों व कोरोना से पीड़ित स्वास्थ्य कर्मचारियों को वार्ड में असहाय छोड़कर हड़ताल नहीं कर सकते। नर्सिंग यूनियन की 23 मांगे थी। सभी मांगे पूरी की जा चुकी हैं।

छठे वेतन आयोग के अनुसार मूल वेतन निर्धारण की एक मांग पर नर्सिंग यूनियन का जोर अधिक है, उसे पूरा किया जा चुका है। अब सातवें वेतन आयोग को लागू किया जा रहा है। नर्सिंग यूनियन के साथ बैठम में बताया गया था कि उनकी व्याख्या सही नहीं है। फिर भी सरकार ने व्यय विभाग से उस पर विचार करने के लिए कहा।

मुश्किल वक्त में वेतन बढ़ोतरी की मांग

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ऐसे समय में जब देश लोगों की जान बचाने के लिए महामारी से लड़ रहा है। अब यह लड़ाई कुछ ही माह की है। क्योंकि कोरोना का टीका आने वाला है, जो इस महामारी का निदान साबित होगा। ऐसे मुश्किल वक्त में यूनियन ने हड़ताल की। वैसे भी देश के सामने कई चुनौतियां हैं। लोगों की नौकरियां जा रही है। वहीं नर्सिंग यूनियन वेतन बढ़ाने की मांग कर रही है।

यूनियन का आरोप, मांगे नहीं हुई पूरी

नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष हरिश काजला ने कहा कि छठे वेतन आयोग से संबंधित कुछ मांगों को लेकर पिछले साल 16 अक्टूबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक हुई थी। जिसमें एम्स के निदेशक भी शामिल थे। उस बैठक में मांगें पूरी करने का अाश्वासन मिला था, जो अब तक पूरी नहीं हुई। पिछले माह 13 नवंबर को एम्स प्रशासन को सूचना दी गई थी 16 दिसंबर से नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल करेंगे। इस बीच एम्स ने निजी कंपनी के माध्मय से अनुबंध पर नर्सों की नियुक्ति शुरू कर दी। इस वजह से सोमवार को ही हड़ताल शुरू कर दी गई।

एम्स में भर्ती हैं करीब 250 कारोना मरीज

एम्स के ट्रॉमा सेंटर व झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) को मिलाकर करीब 250 कोरोना के मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा दिल, किडनी, लिवर की बीमारियों, कैंसर सहित विभिन्न रोगों से पीड़ित सैकड़ों मरीज भर्ती हैं। जिनकी मुश्किलें बढ़ गई है।

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