स्वास्थ्य व्यवस्था का अजब हाल : एम्स ने सर्जरी के लिए मरीज को दी पांच साल बाद की तारीख
बिहार के रहने वाले एक मरीज को एम्स के डॉत्टरों ने पांच साल बाद सर्जरी की तारीख दी है। मरीज सर्जरी के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर है।
नई दिल्ली, जेएनएन। स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है और व्यवस्था किस कदर बीमार हो चुकी है, इसका अंदाजा बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले फकरूल की कहनी से लगाया जा सकता है। इनके दिल में सुराख है। वह अस्पतालों में सर्जरी के लिए धक्के खाने को मजबूर हैं।
पहले एम्स ने सर्जरी के लिए पांच साल बाद की तरीख दी। अब वह आरएमएल में सर्जरी के लिए भटक रहे हैं। इस अस्पताल में सर्जरी के लिए उन्हें तारीख पर तारीख दी जा रही है पर सर्जरी नहीं हो रही है। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि दिल्ली में किराये पर कमरा लेकर रह सकें। इसलिए अस्पताल परिसर को ही ठिकाना है। फकरूल ने बताया कि वह प. चंपारण के नरकटियागंज के रहने वाले हैं। वहां के डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया।
आरएमएल अस्पताल से उम्मीद
एम्स में एक साल तक भागदौड़ करने के बाद पिछले साल 28 अगस्त को डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए पांच साल बाद का समय (अगस्त 2023) दिया गया। परेशानी बढ़ी तो आरएमएल पहुंचा। यहां के डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए पिछले महीने आठ मई की तारीख दी थी, लेकिन उस दिन सर्जरी नहीं हो पाई। इसके बाद 16 मई की तारीख मिली और तीसरी बार 12 जून को सर्जरी के लिए बुलाया गया। चौथी बार अब 18 जून को डॉक्टरों ने बुलाया है।
सुविधाओं की कमी, खामियाजा भुगत रहे डॉक्टर
आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. मनीष निगम ने कहा कि असल समस्या स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। मरीजों को समझना होगा कि इसके लिए डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हो सकते। हाल ही में दिल्ली के डीडीयू अस्पताल के सीटी स्कैन नहीं होने पर रेडियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर की तीमारदारों ने पिटाई कर दी थी। सीटी स्कैन मशीन खराब है तो उसमें डॉक्टर की क्या गलती।
हार्ट के मरीज को नहीं मिला इलाज
गाजियाबाद से मुहम्मद अली आरएमएल में इलाज के लिए एंबुलेंस से पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उनके हार्ट में परेशानी है, लेकिन अस्पताल में ओपीडी की पर्ची बनाने से मना कर दिया गया। जवाब मिला की ओपीडी कार्ड बनाने का समय खत्म हो गया है। इसलिए उनका इलाज नहीं हो पाया।
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