देश का सबसे बड़ा अस्पताल AIIMS खुद हो रहा बीमार, आखिर क्यों हो रही डॉक्टरों की कमी
एम्स में फैकल्टी के 883 पद हैं, जबकि करीब 700 डॉक्टर मौजूद हैं। इस तरह 183 पद खाली हैं। बताया जा रहा है कि तीन सालों में स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। एम्स में डॉक्टरों की भारी कमी है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) के तैयार होने पर डॉक्टरों के नए पद भी सृजित होंगे। इसलिए डॉक्टरों की कमी बढ़ती जा रही है। फिर भी एम्स में डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति नहीं हो पा रही है। एम्स ने अनुबंध पर 30 सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भेजी।
एक माह से मंत्रालय में लटकी है फाइल
यह फाइल भी एक माह से अधिक समय से मंत्रालय में लटकी हुई है। इसलिए एम्स को डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार है। डॉक्टरों की कमी से मरीजों को परेशानी हो रही है। हाल ही में एम्स के झज्जर परिसर में नवनिर्मित एनसीआइ में ओपीडी सेवा ट्रायल के रूप में शुरू हुआ है। अगले माह के तीसरे सप्ताह में इसे विधिवत शुभारंभ करने की तैयारी है। लेकिन, अब तक इसके लिए डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
पांच महीने पहले शुरू हुई नियुक्ति प्रकिया अब तक अधूरी
एम्स ने जुलाई में स्थायी तौर पर 162 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। पांच महीने बाद भी यह नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति ने इस साल मार्च में पेश अपनी रिपोर्ट में एम्स में डॉक्टरों की कमी की चिंता जाहिर की थी और डॉक्टरों की नियुक्ति जल्द करने का सुझाव दिया था।
तीन साल से नहीं हुई है डॉक्टरों की भर्ती
एम्स में फैकल्टी के 883 पद हैं, जबकि करीब 700 डॉक्टर मौजूद हैं। इस तरह 183 पद खाली हैं। बताया जा रहा है कि तीन सालों में स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इस साल प्रक्रिया शुरू भी हुई तो उस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।
ये है कमी कारण
इसका एक बड़ा कारण संस्थान में डॉक्टरों के लिए आवास की कमी है। स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया में विलंब के कारण एम्स ने बाद में अनुबंध पर 30 डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की। इसमें एनसीआइ के लिए 16 डॉक्टर नियुक्ति किए जाने हैं।
इसके तहत 13 व 14 नवंबर को आवेदकों का साक्षात्कार लिया गया था। एम्स ने अपनी तरफ से अभ्यार्थियों को चयन कर फाइल स्वीकृति के लिए मंत्रालय भेजी है। इस मामले पर फिलहाल एम्स प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।