गलत साबित हो सकता है 5.50 लाख मरीजों का आकलन, प्रयास हो तो सुधर सकते हैं हालातः डॉ गुलेरिया
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अगर प्रयास किए जाएं तो दो से तीन हफ्ते में दिल्ली के हालात सुधर भी सकते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने की आशंकाओं के बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का बयान ने थोड़ी राहत दी है। उनका कहना है कि अगर प्रयास किए जाएं तो दो से तीन हफ्ते में दिल्ली के हालात सुधर भी सकते हैं। उनका यह भी मानना है कि अगले माह तक साढ़े पांच लाख मरीज होने की आशंका एक गणितीय आकलन है जो गलत भी साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में आंकड़ों से ज्यादा बचाव पर ध्यान देना जरूरी है। संक्रमण नियंत्रण को लेकर हरसंभव प्रयास करने की जरूरत है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने 31 जुलाई तक दिल्ली में साढ़े पांच लाख कोरोना के मरीज होने की आशंका जताई है।
इसी मसले पर शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राजधानी में कोरोना संक्रमण को लेकर विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है जिसमें डॉ. रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं। डॉ. गुलेरिया ने एक बयान में कहा कि दुनियाभर में कोरोना मामलों की संख्या के आधार पर भारत चौथे स्थान पर है। लेकिन अगर आबादी के साथ तुलना करें तो दूसरे देशों से यहां संक्रमित लोग बहुत कम हैं। पिछले कुछ समय से संक्रमण की रफ्तार तेज होने पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कई जगहों पर लोगों ने इसका पालन नहीं किया। इसकी वजह से संक्रमण बढ़ा और अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचा।
हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले दो से तीन सप्ताह में कोरोना वायरस के ग्राफ में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है। डॉ. गुलेरिया का यह भी मानना है कि इस वक्त स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर ध्यान देने की जरूरत है। सरकारों को बेड और ऑक्सीजन के प्रबंधन पर पूरा जोर देना चाहिए। इसके साथ उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को भी संक्रमण से बचाने पर जोर दिया। उनका कहना है कि स्वास्थ्यकर्मी और उनके परिजन लगातार इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसकी वजह से स्वास्थ्यकर्मियों की कमी हो सकती है।
बर्न व सर्जरी ब्लॉक बनेगा कोविड सेंटर
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगले कुछ दिनों में एम्स के बर्न व सर्जरी ब्लॉक को कोविड सेंटर में तब्दील किया जाएगा। एम्स के विश्राम सदन का इस्तेमाल भी कोविड प्रबंधन में किया जा रहा है।