Move to Jagran APP

हड़ताल से बेहाल रहे बेकसूर मरीज, डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर राजघाट तक किया पैदल मार्च

कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों से हुई मारपीट की घटना के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की देशव्यापी हड़ताल की घोषणा से दिल्ली मरीज परेशान रहे।

By Edited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 10:15 PM (IST)
हड़ताल से बेहाल रहे बेकसूर मरीज, डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर राजघाट तक किया पैदल मार्च
हड़ताल से बेहाल रहे बेकसूर मरीज, डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर राजघाट तक किया पैदल मार्च

नई दिल्ली, जेएनएन। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों से हुई मारपीट की घटना के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की देशव्यापी हड़ताल की घोषणा से दिल्ली में सोमवार को स्वास्थ्य सुविधाएं ध्वस्त नजर आई। केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, नगर निगम, रेलवे व कर्मचारी राज्य बीमा निगम के करीब 40 अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी बाधित रही। इसमें एम्स, सफदरजंग व आरएमएल सहित 25 बड़े अस्पताल भी शामिल होने से बेकसूर मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए दर दर भटकते रहे।

loksabha election banner

यही नहीं ज्यादातर निजी अस्पतालों में भी ओपीडी बाधित रहने से मरीजों की परेशानी और अधिक बढ़ गई। हड़ताल से दिल्ली में करीब एक लाख मरीज प्रभावित हुए और करीब 2760 मरीजों की सर्जरी टाल दी गई। मरीज डॉक्टरों से इलाज के लिए मिन्नतें करते रहे पर डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी।

वैसे तो आइएमए व फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने इमरजेंसी सामान्य रखने की बात कही थी, लेकिन ज्यादातर सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में भी मरीजों को इलाज के बगैर लौटा दिया गया। मरीज अपना दर्द लेकर वापस लौटने को मजबूर हुए। एम्स के आरडीए ने सुबह लिया हड़ताल का फैसला एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने पहले ड्यूटी पर मौजूद रहने का फैसला लिया था, लेकिन रात में ट्रॉमा सेंटर में रेजिडेंट डॉक्टर से बदसलूकी की घटना की आड़ में हड़ताल पर चले गए।

उन्होंने दोपहर 12 बजे से हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, लेकिन इसका असर यह हुआ कि सुबह से ही ओपीडी सेवा प्रभावित हो गई। सुबह की ओपीडी में भी पहले से अप्वाइंटमेंट लेने वाले पुराने मरीजों का ही इलाज हुआ। नए मरीज नहीं देखे गए।

चार अस्पतालों की ओपीडी में पुराने मरीजों का हुआ इलाज
एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में वरिष्ठ डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद थे। हालांकि, यहां पुराने मरीजों को ही देखा जा रहा था और ज्यादातर नए मरीजों को वापस लौटना पड़ा। आरएमएल अस्पताल में प्रतिदिन करीब 8,500 मरीज पहुंचते हैं।

सोमवार को सिर्फ साढ़े पांच हजार मरीजों का ओपीडी में पंजीकरण हुआ। इन चार अस्पतालों में करीब 1015 मरीजों की सर्जरी नहीं हो पाई। अन्य अस्पतालों में पूरी तरह ठप रही ओपीडी लोकनायक, जीटीबी, डीडीयू, ¨हदू राव सहित करीब 21 प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी बिल्कुल ठप रही। इन अस्पतालों से मरीजों को इलाज बिना लौटा दिया गया। इन अस्पतालों के वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। इसलिए वार्ड में भर्ती हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

हि‍ंदू राव अस्पताल से काफी संख्या में मरीजों को वापस भेज दिया गया है। इसके अलावा लोकनायक अस्पताल से भी कई मरीजों को छुट्टी दे दी गई। कमोवेश यही स्थिति ज्यादातर अस्पतालों में थी। इनमें से 17 अस्पतालों में प्रतिदिन करीब 1475 मेजर सर्जरी व 1285 माइनर सर्जरी होती है, जो टाल दी गई।

डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन एम्स में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन भी किया। इसके अलावा फोर्डा के नेतृत्व में भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर लोकनायक अस्पताल से राजघाट तक पैदल मार्च किया। केंद्र के अस्पतालों में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या अस्पताल ओपीडी सर्जरी एम्स 13,000 645 सफदरजंग 10,000 200 आरएमएल 8,500 140 लेडी हार्डिंग 3,500 30 अन्य प्रमुख अस्पतालों में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या अस्पताल ओपीडी सर्जरी लोकनायक 8,000 100 जीटीबी 7,000 65 जीबी पंत 2,500 65 डीडीयू 4,670 50 एसजीएमएच 2,870 18 आंबेडकर अस्पताल 4,243 35 जीजीएस अस्पताल 1,880 13 दादा देव 970 4 हि‍ंदू राव 2,000 25 भगवान महावीर 2,365 11 चाचा नेहरू 1,500 7 महर्षि वाल्मीकि 240 6 इहबास 1,975 4 एलबीएस- 2,430 13 राजा हरिश्चंद्र अस्पताल 2,240 2 बीजेआरएम 2,620 4 गुरुनानक नेत्रालय 1060 38

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.