Delhi Kisan Andolan: नए कानूनों से कृषि क्षेत्र को मिला मुक्त बाजार, बोले- कृषि विशेषज्ञ
यह एक विडंबना ही थी कि दुनिया भर में लोग मुक्त बाजार की वकालत करते हैं लेकिन हमारे देश में ही एक राज्य का किसान अपनी उपज को दूसरे राज्य में तब भी नहीं बेच सकता था जब उसे वहां अपने राज्य की तुलना में अधिक कीमत मिले।
पश्चिमी दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। नए कृषि कानूनों को लेकर न तो कृषि विज्ञानियों में और न ही प्रगतिशील किसानों में किसी प्रकार का कोई संशय है। कृषि विज्ञानी जहां इस तरह के सुधार को समय के हिसाब से उठाया गया सही कदम करार दे रहे हैं, वहीं प्रगतिशील किसान इसे देर से उठाया गया सही कदम बताते हैं। विज्ञानियों का कहना है कि समय के साथ खेती का स्वरूप अब बदल रहा है। आजकल खेतीबाड़ी के माध्यम से किसानों को अच्छी आय हो रही है।
विज्ञानियों ने कहा कि यह एक विडंबना ही थी कि दुनिया भर में लोग मुक्त बाजार की वकालत करते हैं, लेकिन हमारे देश में ही एक राज्य का किसान अपनी उपज को दूसरे राज्य में तब भी नहीं बेच सकता था, जब उसे वहां अपने राज्य की तुलना में अधिक कीमत मिले। नए कानूनों ने कृषि क्षेत्र को मुक्त बाजार मुहैया कराया है। सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि खरीदार और बेचने वाले के बीच किसी बिचौलिये की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
नए कृषि कानून को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त कर दिया गया है, जबकि यह पहले की तरह ही बरकरार है। सरकार की ओर से किसान उत्पादक संघ बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सरकार किसानों को तकनीकी सहयोग भी दे रही है। किसानों को उन्नत खेती के लिए आर्थिक मदद भी दी जा रही है। ये सभी बातें किसानों के पक्ष में हैं।
मैं करीब पांच एकड़ खेत में जैविक कृषि करता हूं। जिन्हें मेरे उत्पाद खरीदने हैं, वे सीधे मेरे पास आते हैं। यहां कोई बिचौलिया नहीं होता। कीमत ऐसी तय होती है कि मुङो और खरीदार दोनों को संतुष्टि मिलती है। अब सरकार ने कृषि क्षेत्र में मुक्त बाजार लाकर बिचौलिया मुक्त बाजार की नींव रख दी है। इससे सभी का भला होगा।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के निदेशक पीके गुप्ता ने कहा कि नए कृषि कानून की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। पहले किसान न चाहते हुए भी अपनी उपज को आढ़तियों द्वारा तय कीमत पर बेचने को विवश होते थे। अब उनके पास कोई मजबूरी नहीं होगी। वे अपनी मर्जी से उपज को जिसे चाहें बेच सकेंगे। इससे मंडी में उपज बेचने पर लगने वाले कई तरह की कमीशन से भी मुक्ति मिलेगी।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो