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लॉकडाउन के बाद AIIMS समेत सभी बड़े अस्पतालों में इलाज का तरीका बदलेगा

पुराने ढर्रे से हो रहा इलाज संक्रमण बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसके मद्देनजर एम्स अभी से दिशा-निर्देश तैयार करने में जुट गया है और शनिवार को 24 सदस्यीय कोर कमेटी गठित की है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 07:19 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 07:19 AM (IST)
लॉकडाउन के बाद AIIMS समेत सभी बड़े अस्पतालों में इलाज का तरीका बदलेगा
लॉकडाउन के बाद AIIMS समेत सभी बड़े अस्पतालों में इलाज का तरीका बदलेगा

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। लॉकडाउन कब खुलेगा, इस पर अभी संशय है पर यह तय है कि इसके बाद बडे़ अस्पतालों की व्यवस्था व इलाज के तौर-तरीके में काफी बदलाव हो सकता है। पुराने ढर्रे से हो रहा इलाज संक्रमण बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसके मद्देनजर एम्स अभी से दिशा-निर्देश तैयार करने में जुट गया है और शनिवार को 24 सदस्यीय कोर कमेटी गठित की है। यह कमेटी लॉकडाउन के बाद संस्थान में चिकित्सा सुविधाओं को शुरू करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करेगी। साथ ही भीड़ नियंत्रित करने व शारीरिक दूरी के पालन के लिए दिशा-निर्देश भी तैयार किए जाएंगे। इससे एम्स में काफी कुछ बदल जाएगा। इलाज के दौरान भी मरीजों को शारीरिक दूरी का पालन करना पड़ेगा।

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वहीं, कमेटी के गठन को लेकर संस्थान के वरिष्ठ डॉक्टर कहते हैं कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहले की तरह ओपीडी व रूटीन सर्जरी सामान्य रूप से शुरू हो जाएं, यह आसान नहीं है। इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है। कार्डियक सर्जरी, कैंसर इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों की सर्जरी पहले शुरू हो सकती है लेकिन ओपीडी, आइपीडी व सर्जरी का व्यवस्थित तरीके से संचालन के लिए यह कमेटी गठित की गई है। इससे स्पष्ट है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर आने में वक्त लगेगा।

डॉक्टर कहते हैं, मौजूदा परिस्थिति में सभी सेवाएं एक साथ खोलना मुश्किल है, क्योंकि पहले डॉक्टर जैसे देखते थे, वैसा तो संभव नहीं होगा। एक ही कमरे में तीन-चार डॉक्टर बैठे होते थे और मरीज धक्कामुक्की कर रहे होते थे। अब मरीजों की संख्या नियंत्रित करनी पडे़गी। ऐसे में ओपीडी में मरीजों की संख्या निर्धारित की जा सकती है। पहले एक के बाद एक कई मरीजों के प्रोसिजर व ऑपरेशन होते थे।

फिलहाल डर यह है कि यदि एक मरीज भी कोरोना संक्रमित निकला तो अन्य कई संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए काम करने के तरीके बदलने पड़ेंगे। 

एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में बनी कमेटी अस्पताल में इलाज के बदले स्वरूप पर मंथन के लिए एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई है। एम्स के अधिकारी कहते हैं कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ओपीडी व वार्ड में किसी तरह की व्यवस्था होगी, इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार किए जाएंगे। कोर कमेटी द्वारा गठित नियम का पालन कराने के लिए 28 डॉक्टरों की सब कमेटी गठित की गई है, जिसमें विभागाध्यक्ष सदस्य बनाए गए हैं। एम्स में बंद है ओपीडी व रूटीन सर्जरीकोरोना के कारण एम्स में लंबे समय से ओपीडी व रूटीन सर्जरी बंद है। सामान्य दिनों में एम्स की ओपीडी में करीब 12 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इस वजह से संस्थान में प्रतिदिन 40-45 हजार लोगों की भीड़ होती है। यही भीड़ एम्स के लिए सिरदर्द का कारण है।


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