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भुवनेश्वर में लगेगा मानव शास्त्र का महाकुंभ, भाग लेंगे 73 से अधिक देशों के 10,000 लोग

वर्ष 2023 में ओडीशा की राजधानी भुवनेश्वर में लगने वाले मानव शास्त्र के महाकुंभ में विश्व के जानेमाने विशेषज्ञों के अलावा शोध और अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 02:49 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 06:11 PM (IST)
भुवनेश्वर में लगेगा मानव शास्त्र का महाकुंभ, भाग लेंगे 73 से अधिक देशों के 10,000 लोग
भुवनेश्वर में लगेगा मानव शास्त्र का महाकुंभ, भाग लेंगे 73 से अधिक देशों के 10,000 लोग

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। चार साल बाद ओडीशा की राजधानी भुवनेश्वर में मानव शास्त्र का महाकुंभ लगेगा। वर्ष 2023 में 15 से 19 जनवरी तक पांच दिवसीय विश्व मानव शास्त्र कांग्रेस में 73 से अधिक देशों के तकरीबन 10,000 लोग शामिल होंगे। इसमें मानव शास्त्र के विश्व के जानेमाने विशेषज्ञों के अलावा शोध और अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे। यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दूसरी बार इसकी मेजबानी भारत को मिली है।

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मेजबानी को लेकर इंटरनेशनल यूनियन ऑफ एंथ्रोपोलॉजिकल एंड एथोनॉलाजिकल साइंस (आइयूएइएस) की बिडिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्कल विश्वविद्यालय, संबलपुर विश्वविद्यालय, इंडियन एंथ्रोपोलॉजिकल एसोसिशन के साथ ही कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेज (किस) के संयुक्त प्रतिनिधित्व ने क्रोएशिया को बड़े समर्थन से पछाड़ा। अधिकांश देश आयोजन के साथ भारत की विविधता भरी संस्कृति से परिचय की प्रस्तुति से प्रभावित हुए।

इस विश्व कांग्रेस का आयोजन 'किस' के साथ ही कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (किट) के विशाल कैंपस में होगा। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पत्रकारों से बातचीत में किट व किस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने बताया कि इस आयोजन के लिए कैंपस में पर्याप्त जगह और व्यवस्था है। इसकी सफलता से देश के नाम एक और ख्याति जुड़ जाएगी। इसके पहले मात्र एक बार इस प्रतिष्ठित वैश्विक कांग्रेस का आयोजन दिल्ली में रांची के प्रो. एलपी विद्यार्थी के प्रयासों से वर्ष 1978 में हुआ था।

उन्होंने बताया कि इस आयोजन के केंद्र में मानव जाति के व्यवहारों, विचारों पर वैज्ञानिक अध्ययन पर विस्तृत चर्चा होगी। इसका लाभ भारत के छात्रों को भी मिलेगा और इस विज्ञान में उनकी दिलचस्पी बढ़ेगी जिसपर अभी काफी कम सार्वजनिक चर्चा होती है।

इस मौके पर मौजूद उत्कल विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो सौमेंद्र मोहन पटनायक और संबलपुर विश्वविद्यालय के उप सभापति प्रो दीपक कुमार बेहरा ने कहा कि इस आयोजन से मानव शास्त्र के क्षेत्र में भारतीयों की उत्सुकता बढ़ेगी। अंततः रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।

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