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बुलंदशहर से दो बार विधायक रहे अलीम की दूसरी पत्नी की हत्या के मामले में आठ साल बाद बरी हुए दोनों बेटे, पढ़िए क्या था पूरा मामला

भूतपूर्व विधायक हाजी अलीम ने कोर्ट में गवाही दी थी कि जिस घर में उनकी पत्नी की हत्या हुई वह वहां पर काफी नकदी और गहने रखते थे जब उन्होंने घर की तलाशी ली तो नकदी और गहने गायब थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 12:07 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 12:07 PM (IST)
बुलंदशहर से दो बार विधायक रहे अलीम की दूसरी पत्नी की हत्या के मामले में आठ साल बाद बरी हुए दोनों बेटे, पढ़िए क्या था पूरा मामला
बुलंदशहर से दो बार विधायक रहे हाजी अलीम की दूसरी पत्नी रिहाना की 2013 में हुई थी हत्या

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बुलंदशहर से दो बार विधायक रहे दिवंगत हाजी अलीम की दूसरी पत्नी रिहाना की हत्या के मामले में उनके दोनों बेटों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने बरी कर दिया है। सबूतों के अभाव व कई गवाहों के बयान से पलट जाने पर कोर्ट ने अलीम के बेटे अनस व दानिश के साथ ही उनके कारोबारी मित्र नदीम को बरी कर दिया है।

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंद्र बेदी के कोर्ट ने आठ वर्ष बाद हत्या के मामले में तीनों आरोपितों को बरी कर दिया। अनस और दानिश के वकील जेड बाबर चौहान ने बताया कि रिहाना जाफराबाद में रहती थीं, अक्टूबर 2013 में घर के अंदर उनकी हत्या हुई थी। उनके शरीर पर चाकू और गोलियों के निशान थे। रिहाना की बहन फरजाना ने उनके सौतेले बेटों पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने केस दर्ज कर अलीम के दोनों बेटों अनस व दानिश और उनके कारोबारी मित्र को गिरफ्तार कर लिया था, पुलिस का कहना था हत्या वाले दिन तीनों की मोबाइल लोकेशन जाफराबाद की थी, अनस के पास से चाकू भी बरामद किया गया था। दानिश के फिंगरप्रिंट घर में मिले थे।

उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि हत्या वाले दिन अलीम के दोनों बेटे मीट करोबार के सिलसिले में कारोबारी नदीम से मिलने बुलंदशहर से जाफराबाद आए थे, अनस और और दानिश अपनी सौतेली माँ से बहुत प्यार करते थे। अक्सर उनसे मिलने के लिए उनके घर जाते थे, ईद का मौका था। रिहाना ने दोनों सौतेले बेटों के बच्चों के लिए कपड़ों की खरीदारी की थी, दानिश अपने भाई अनस को नदीम के पास छोड़कर कुछ देर के लिए अपनी माँ से मिलने चला गया और चाय-पानी पीकर कपड़े लेकर वापस उनके पास आ गया। अगले दिन जब घरेलू सहायिका रिहाना के घर पहुँची तो देखा उनका शव फर्श पर पड़ा है। पुलिस ने लोकेशन के आधार पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

कड़कड़डूमा कोर्ट से 2017 में अनस को जमानत मिल गई, जबकि दानिश की अर्जी खारिज कर दी गई। 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट से दानिश को जमानत मिली। वकील ने रविंद्र बेदी के कोर्ट में दलील दी कि मोबाइल लोकेशन एक ही क्षेत्र की होने से यह साबित नहीं होता कि आरोपितों ने रिहाना की हत्या की थी, पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बताया था कि हत्या का समय रात करीब नौ बजे का था, जबकि उस वक्त अलीम के दोनों बेटे बुलंदशहर में थे। अनस के पास से जो चाकू बरामद हुआ उससे किसी पर ताबड़तोड़ वार मुमकीन नहीं थे, रिहाना के शरीर पर गोलियों के निशान भी थे। लेकिन पुलिस हथियार बरामद नहीं कर सकी।

भूतपूर्व विधायक ने कहा था घर से नकदी और गहने गायब है

वकील ने बताया कि भूतपूर्व विधायक हाजी अलीम ने कोर्ट में गवाही दी थी कि जिस घर में उनकी पत्नी की हत्या हुई वह वहां पर काफी नकदी और गहने रखते थे, जब उन्होंने घर की तलाशी ली तो नकदी और गहने गायब थे। जब पुलिस से कोर्ट में पूछा गया कि पुलिस ने लूट या डकैती की दृष्टि से मामले की जांच की तो पुलिस ने इन्कार कर दिया।


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