बड़ी राहतः मौत के बाद निजी अस्पतालों को तुरंत परिजनों को सौंपना होगा शव
शव नहीं दिया जा रहा तो वह भी इसकी शिकायत सीएमओ आफिस व आइएमए से कर सकेंगे।
नोएडा (धर्मेन्द्र मिश्र)। किसी मरीज की मौत हो जाने पर निजी अस्पताल अब बगैर पूरा बिल वसूले शव रोकने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे। मौत के तुरंत बाद शव को उनके परिजनों के हवाले करना होगा। अगर जानबूझकर परिजन हंगामा करते हैं या फिर बिल नहीं चुकाना चाहते तो अस्पताल इसकी शिकायत जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में उच्च स्तरीय कमेटी जांच कर उचित कार्रवाई करेगी।
शासन के निर्देशानुसार सभी अस्पतालों को तत्काल प्रभाव से निर्देश का पालन करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कर दिया गया है।
निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), नोएडा के साथ स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव ने सभी को ताजा निर्देश से अवगत कराया है। आदेश की अवहेलना करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले कुछ माह में बिल चुकाने के लिए परिजनों पर दबाव बनाए जाने के मकसद से अस्पतालों द्वारा शव रोक लिए जाने की लगातार घटनाएं सामने आने के बाद यह निर्देश जारी हुआ है।
इसके तहत अस्पतालों को स्पष्ट कहा गया है कि बिल के लिए शव रोकने का अधिकार उन्हें नहीं है, इसलिए मौत के बाद शव उनके परिजनों के हवाले कर दिया जाना चाहिए।
अगर मरीज के परिजन को पहले से ही अनुमानित खर्च से अवगत करा दिया गया है और अनुबंध पर हस्ताक्षर हो गया है तो ऐसी स्थिति में परिजन भी पैसा नहीं होने का बहाना नहीं कर पाएंगे।
अगर मरीज के संरक्षक को लगता है कि उनका बिल अधिक व अप्रत्याशित तरीके से तैयार किया गया है और इसके लिए शव नहीं दिया जा रहा तो वह भी इसकी शिकायत सीएमओ आफिस व आइएमए से कर सकेंगे।
वहीं आइएमए के उपाध्यक्ष डॉ. एनके शर्मा ने कहा कि परिजनों को शव नहीं सौंपना अमानवीय कृत्य है। इससे बचना चाहिए।
गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ.अनुराग भार्गव के मुताबिक, जानबूझकर बिल अदा नहीं करने वालों पर अस्पताल कानूनी प्रक्रिया अपनाएंपिछले कुछ दिनों में बिल के लिए शव रोके जाने का मामला सामने आने के बाद निजी अस्पतालों को यह निर्देश दिया गया है। शव को तुरंत परिजन के हवाले करना होगा। बिल नहीं देने की शिकायत सीएमओ ऑफिस में कर सकते हैं। जांच कमेटी की रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई होगी।