आठ हजार फ्लैट बनाने जा रही सरकार, आपको भी मिल सकता है घर
लाइसेंस को मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुग्राम में नए 8000 फ्लैट यूनिटों पर जल्द काम शुरू होगा।
गुरुग्राम, [गौरव सिंगला]। नया गुरुग्राम अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के तहत किफायती दामों पर जनता के आशियाने के सपने को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार गंभीरता से काम कर रही है। जनवरी 2018 में प्रत्येक सेक्टर में 5 एकड़ की अतिरिक्त डेनसिटी (घनत्व) बढ़ाने के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा मांगे गए आवेदन के जवाब में 71 बिल्डरों ने अपने आवेदन जमा किए थे। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा बीते एक महीने में इसमें से 19 नए लाइसेंसों को मंजूरी दे दी गई है। अस्वीकार किए गए 7 आवेदनों के मामलों में बिल्डरों को कागजी कार्यवाही पूरी कर फिर से आवेदन करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन लाइसेंस को मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुग्राम में नए 8000 फ्लैट यूनिटों पर जल्द काम शुरू होगा। जनवरी 2018 में प्रत्येक सेक्टर में अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत 5 एकड़ की डेनसिटी बढ़ाने के बाद गुरुग्राम, सोहना और मानेसर में लगभग दो हजार एकड़ जमीन अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए रिजर्व हो गई।
बता दें कि एक अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के लिए पांच एकड़ जमीन की जरूरत होती है, इससे पहले प्रत्येक सेक्टर में अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत 10 एकड़ जमीन देने का प्रावधान था। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के निदेशक केएम पांडुरंग ने कहा कि डेनिसटी बढ़ने के बाद अब तक विभाग को 71 नए आवेदन मिले थे, जिनमें से 19 को लाइसेंस दे दिया गया। 45 आवेदन विभागीय प्रक्रिया में हैं और 7 आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया है, जिन्हें कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद ही स्वीकृति दी जाएगी।
जीएलएस एनारोक रियल के निदेशक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि, चंडीगढ़ - गुरुग्राम में अस्थायी आबादी और वेतनभोगी वर्ग अधिक है। ऐसे में घर के सपने को साकार करने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग सबसे सस्ता जरिया है। नए लाइसेंसों की स्वीकृति से लोगों को घर मिलने के नए अवसर प्राप्त होंगे।
सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि, एस्टेट कंसल्टेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते एक साल में गुरुग्राम में जितने भी नए फ्लैट तैयार हुए हैं, उनमें से 47 प्रतिशत अफोर्डेबल हाउसिंग के अंतर्गत हुए हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट की मंजूरी दे।