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Paytm extortion case: पेटीएम के फाउंडर से करोड़ों की रंगदारी मांगने में सोनिया को मिली बेल

पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा और उनके भाई अजय शेखर को ब्लैकमेल करने के मामले में पुलिस ने सोनिया धवन को गिरफ्तार किया था इसके बाद से वह जिले की लुक्सर जेल में बंद थीं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 09:48 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 09:53 PM (IST)
Paytm extortion case: पेटीएम के फाउंडर से करोड़ों की रंगदारी मांगने में सोनिया को मिली बेल
Paytm extortion case: पेटीएम के फाउंडर से करोड़ों की रंगदारी मांगने में सोनिया को मिली बेल

नोएडा, जेएनएन। पेटीएम की पूर्व सीनियर एग्जिक्यूटिव सोनिया धवन को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, कोर्ट से उनको जमानत मिल गई है। इससे पहले उनकी ज़मानत याचिका फरवरी महीने में गौतमबुद्धनगर जिला अदालत ने रद कर दी थी। 

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बता दें कि पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा और उनके भाई अजय शेखर को ब्लैकमेल करने के मामले में पुलिस ने सोनिया धवन को गिरफ्तार किया था, इसके बाद से वह जिले की लुक्सर जेल में बंद थीं।

आरोप है कि सोनिया ने डेटा चोरी कर उसे सार्वजनिक करने की धमकी दी थी और इसके एवज में 10 करोड़ रुपये  की मांग रखी थी। पुलिस की मानें तो सोनिया ने पति और ऑफिस के दो साथियों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी। पुलिस ने सोनिया के अलावा 2 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं एक आरोपी फरार है। अजय शेखर के मुताबिक, 20 सितंबर को पहली बार थाईलैंड के वर्चुअल नंबर से डेटा लीक करने के लिए धमकी भरा फोन आया था दूसरे दिन उसी नंबर से विजय के पास भी फोन आया।

पेटीएम वन 97 कम्यूनिकेशन लिमिटेड के संस्थापक विजय शेखर शर्मा से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने वाली कंपनी की वाइस प्रेसीडेंट सोनिया धवन का जबरदस्त रुतबा था। कंपनी के अंदर उसका सिक्का चलता था। बताया जाता है कि विजय शेखर कर विश्वास जीत लेने के कारण कंपनी के बड़े-बड़े अधिकारी उसके सामने बौने थे।

सूत्र बताते हैं कि सोनिया धवन विजय शेखर से जुड़ने से पहले अंग्रेजी अखबार समूह में बिजनेस आपरेशन मैनेजर के पद पर तैनात थी। उसी दौरान वह पेटीएम वन 97 कम्यूनिकेशन लिमिटेड संस्थापक विजय शेखर शर्मा के संपर्क में आई। वर्ष 2010 जनवरी में सोनिया ने अखबार की दुनिया को अलविदा कह पेटीएम वन 97 का दामन जनवरी 2010 में ही थाम लिया। कंपनी में सेकेंडरी मीडिया कांट्रेक्ट के पद पर तैनात हुई।

विजय शेखर शर्मा से नजदीकियों के चलते उसका पूरी कंपनी में होल्ड हो गया। मीडिया की सुर्खियों में बने रहने का उसको बहुत शौक था। यही कारण था कि वह आठ वर्ष की छोटी सी अवधि में कंपनी की उपाध्यक्ष पद पर पहुंच गई।

विजय शेखर शर्मा की हर बिजनेस डील में सोनिया धवन जाया करती थी। आए दिन उसका सिंगापुर, हांगकांग व बंगलुरू का ट्रिप तैयार रहता था। यहीं नहीं जहां कहीं भी को अवार्ड सरेमनी होती, सोनिया धवन की उपस्थिति के बिना कोई भी कार्यक्रम विजय शेखर का नहीं होता था।

यहां तक की मीडिया में प्रत्येक खबर के प्रकाशन पर भी सोनिया धवन की अनुमति के बिना नहीं होता है। चीन की सबसे बड़ी अलीबाबा कंपनी के साथ पेटीएम के संपर्क में लाने में सोनिया धवन की अहम भूमिका बताई जा रही है।


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