जालसाजी का आरोपित पुलिस हिरासत से फरार, 16 जुलाई को किया गया था गिरफ्तार
फ्लैट बेचने के नाम पर लोगों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोपित लक्ष्मीनगर पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। फ्लैट बेचने के नाम पर लोगों के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोपित लक्ष्मीनगर पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया। पुलिस उसे हिरासत में लेकर देहरादून के लिए दिल्ली से रवाना हुई थी। उसकी निशानदेही पर पुलिस को उसकी पत्नी को गिरफ्तार करना था। लेकिन मुजफ्फरनगर में आरोपित लघुशंका के बहाने पुलिस को गच्चा दे गया।
आरोपित नितिन नागपाल (39) को पुलिस ने 16 जुलाई को गिरफ्तार किया था। पुलिस उपायुक्त जसमीत सिंह का कहना है कि आरोपित की तलाश में पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं। जानकारी के मुताबिक लक्ष्मीनगर थाने में 30 जनवरी को तीन फ्लैट बेचने के नाम पर लोगों से करीब 68 लाख रुपये हड़पने के मामले में केस दर्ज दिया गया था।
इस मामले में नितिन और उसकी पत्नी तानिया को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने 16 जनवरी को नितिन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उसे तीन दिन ही पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। बुधवार रात को उसकी पत्नी की गिरफ्तारी के लिए एएसआइ विजय दत्त और कांस्टेबल मोहित आरोपित को ओला कैब में देहरादून लेकर जा रहे थे। देर रात करीब सवा 12 बजे एक रेस्टोरेंट पर चाय पीने के लिए रुके थे।
इसी दौरान आरोपित ने लघुशंका का बहाना बनाया। वह बाथरूम में तो गया, लेकिन वापस नहीं लौटा। काफी तलाशने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला तो दोनों पुलिसकर्मियों ने मामले की सूचना पूर्वी जिले के आला अधिकारियों को दी। इसके बाद तुरंत लक्ष्मीनगर थाने से कुछ पुलिसकर्मियों को मुजफ्फरनगर भेजा गया। पुलिस टीमें आरोपित की तलाश में जुटी हैं।
मामले में दर्ज एफआइआर के मुताबिक, ललिता पार्क में तीन फ्लैटों पर तनिया नागपाल ने बैंक से एक करोड़ रुपये का लोन लिया हुआ था। लेकिन इसकी जानकारी दिए बगैर इन तीनों फ्लैट को तीन लोगों को बेच दिया गया। बाद में जब बैंक से कर्मचारी सील करने पहुंचे तो धाेखाधड़ी का पता चला। इस मामले में बैंक के कर्मचारियों की भी मिलीभगत की आशंका है।