यमुना एक्सप्रेस-वे हादसे में घायल चारों डॉक्टरों की हालत स्थिर, एम्स में चल रहा है इलाज
एम्स का कहना है कि चारों रेजिडेंट डॉक्टरों की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। हादसे के शिकार सातों रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के थे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। यमुना एक्प्रेस-वे पर हुए भीषण सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए चारों जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। उनमें से किसी के कुल्हे की हड्डी, किसी के हाथ की हड्डी तो किसी की पसलियां टूट गई हैं।
डॉक्टरों की टीम बनाई गई
एम्स प्रशासन ने ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख व ऑर्थोपेडिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश मल्होत्रा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम बनाई है। इस हादसे की शिकार डॉ. कैथरीन (25) की हालत सबसे ज्यादा गंभीर थी। उनका कुल्हा अपनी जगह से खिसक गया था और चेहरे पर नाक से ललाट तक का हिस्सा फट गया था। उनकी सर्जरी की गई है। अन्य तीन जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का भी इलाज चल रहा है।
डॉक्टरों की हालत स्थिर और खतरे से बाहर
एम्स का कहना है कि चारों रेजिडेंट डॉक्टरों की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। हादसे के शिकार सातों रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के थे। इनमें से डॉ. हर्षद वानखेड़े (35), डॉ. यशप्रीत (26), डॉ. हिमबाला (25) का निधन हो गया है। जबकि डॉ. कैथरीन, डॉ. जितेंद्र (28), डॉ. अभिनवा (25) व डॉ. महेश (29) घायल हैं। इन चारों घायल डॉक्टरों को सुबह 9:30 बजे ट्रॉमा सेंटर में लाया गया।
चल रहा हैै इलाज
एम्स के अनुसार मूलरूप से अंकोला महाराष्ट्र के रहने वाले डॉ. हर्षद वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर थे। जो इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में बतौर सर्जन कार्यरत थे, जबकि अन्य छह डॉक्टर जूनियर रेजिडेंट हैं। एम्स का कहना है कि डॉ. जितेंद्र के बाएं हाथ की हड्डी में फ्रैक्चर है। डॉ. अभिनवा के कुल्हे की बायीं हड्डी में फ्रैक्चर है। ऑर्थोपेडिक्स सर्जन इनका इलाज कर रहे हैं, जबकि डॉ. महेश की छाती की पसलियों की तीन हड्डियां ( पसली 4, 5 व 6) टूट गई हैं। इनका इलाज ट्रॉमा सर्जरी के डॉक्टर कर रहे हैं। डॉ. कैथरीन की सर्जरी कर कुल्हे को अपनी जगह पर कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि चेहरे के फटे हुए हिस्से पर स्टिच लगा दिया गया है।
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