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दिल्ली सरकार के अस्थायी अस्पताल की जांच करेगी एसीबी, एलजी ने दी मंजूरी

भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस और सरकारी कामकाज में पूर्णतया ईमानदारी के अपने घोषित संकल्प के अनुरूप उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के तत्कालीन मुख्य अभियंता और वर्तमान मुख्य अभियंता के खिलाफ अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एसीबी को मंजूरी दे दी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 20 Jun 2022 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2022 04:25 PM (IST)
दिल्ली सरकार के अस्थायी अस्पताल की जांच करेगी एसीबी, एलजी ने दी मंजूरी
एलजी ने जीरो टालरेंस की नीति के तहत दी मंजूरी।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कोरोना काल के दौरान दिल्ली सरकार ने जिन सात अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शुरू कराया था, उन्हें लेकर लगे कथित अनियमितताओं के आरोपों की जांच अब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) करेगी। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस और सरकारी कामकाज में पूर्णतया ईमानदारी के अपने घोषित संकल्प के अनुरूप, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के तत्कालीन मुख्य अभियंता और वर्तमान मुख्य अभियंता के खिलाफ अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एसीबी को मंजूरी दे दी है।

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रेडिमेड पिलर से किया जा रहा निर्माण

दिल्ली सरकार की ओर से दावा किया गया था कि इन अस्पतालों का निर्माण रेडिमेड पिलर से किया जा रहा है। भवनों की उम्र 70 वर्ष होगी। राजनिवास सूत्रों के मुताबिक, एसीबी ने 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17-ए के तहत पीडब्ल्यूडी द्वारा किए जा रहे सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में अनियमितता के मामले में आगे बढ़ने की अनुमति मांगी थी।

कुछ फाइल लंबित 

सियासी कारणों से तभी से इस मामले की फाइल लंबित थी। उक्त अधिनियम की धारा 17ए (बी) के तहत उपराज्यपाल ने अब यह अनुमति दे दी है। अब एसीबी इसकी जांच कर सकेगी। इसी क्रम में उपराज्यपाल ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के कुछ इंजीनियरों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की शुरुआत की है।

मानक के अनुरूप नहीं मिले थे

सक्सेना ने विगत 11 जून को कालकाजी एक्सटेंशन में डीडीए द्वारा ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए बनाए गए फ्लैटों का निरीक्षण किया तो उन्हें मानकों के अनुरूप नहीं पाया। कई जगह काम अधूरा भी था। जहां झुग्गी, वहीं मकान पुनर्वास योजना के तहत बनाए गए फ्लैटों से फिटिंग भी या तो गायब थी या फिर इस तिथि तक स्थापित नहीं थी। उपराज्यपाल के निर्देश पर 13 जून को इस प्रोजेक्ट में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई। 17 जून को इस बाबत एक गोपनीय रिपोर्ट भी राजनिवास को सौंप दी गई है। बताया जाता है कि इसके आधार पर जल्द ही कोई कड़ी कार्रवाई किए जाने के संकेत हैं।

अस्पताल आइसीयू बेड क्षमता

शालीमार बाग 1430

किराड़ी 458

जीटीबी 1912

रघुवीर नगर 1565

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 610

सुल्तानपुरी 525

सरिता विहार 336

कुल आइसीयू बेड 68361216.72 करोड़ रुपये इस परियोजना पर होने हैं खर्च


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