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एसीबी ने PWD में काम कर रहीं कंपनियों को नोटिस भेजना किया शुरू, जांच के दायरे में पांच कंपनियां

एसीबी ने कंपनियों के प्रतिनिधियों को नोटिस भेजकर बुलाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता रोड एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक राहुल शर्मा को भी पत्र भेजकर बुलाया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 07:30 PM (IST)
एसीबी ने PWD में काम कर रहीं कंपनियों को नोटिस भेजना किया शुरू, जांच के दायरे में पांच कंपनियां
एसीबी ने PWD में काम कर रहीं कंपनियों को नोटिस भेजना किया शुरू, जांच के दायरे में पांच कंपनियां

नई दिल्ली [जेएनएन]। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में काम कर रहीं पांच अन्य कंपनियों के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। एसीबी ने इन सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों को नोटिस भेजकर बुलाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता रोड एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक राहुल शर्मा को भी पत्र भेजकर बुलाया है।

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बगैर काम कराए ही किया भुगतान

आरोप है कि ये कंपनियां भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू की रेनू कंस्ट्रक्शन कंपनी की तरह ही फर्जीवाड़ा कर रही थीं। इन्होंने भी बगैर काम कराए ही भुगतान ले लिया है। निर्माण कार्य के अधिकतर बिल और बाउचर विभाग की डिवीजन में मौजूद नहीं हैं। कुछ के बिल मिले हैं, जो फर्जी पाए गए हैं। शिकायत मिलने पर एसीबी ने निर्माण क्षेत्र से जुड़ीं इन पांच कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की है

इन कंपनियों के खिलाफ एसीबी कर रही है जांच

केसी बिल्डकोन प्राइवेट लिमिटेड

इस कंपनी को रोहणी में फुटपाथ आदि के सुदृढ़ीकरण का काम मिला था। इस कार्य पर 6 करोड़ 6 लाख 93 हजार 727 रुपये खर्च हुए। कंपनी ने इसका भुगतान भी ले लिया। यह कार्य रोहणी स्थित विभाग की मेंटीनेंस डिवीजन एम-312 के तहत आता है। मगर, निर्माण कार्य के लिए सामग्री खरीदे जाने के बिल गायब मिले।

मै. मियां कंस्ट्रक्शन कंपनी

इस कंपनी को ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड तक सड़क के सुदृढ़ीकरण का काम सौंपा गया था। कंपनी ने कार्य पूरा बताकर 15 करोड़ 32 लाख 11 हजार 811 रुपये का बिल भुगतान करा लिया। यह कार्य विभाग की डिवीजन-एम 312 से संबंधित था। लेकिन, विभाग के इस दफ्तर में बिल उपलब्ध नहीं हैं जिससे कि पता चल सके कि निर्माण के लिए सामग्री कहां से खरीदी गई थी।

न्यू भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी

पीडब्ल्यूडी की डिवीजन एम (मेंटीनेंस) -311 के अंतर्गत प्रताप नगर में लक्ष्मी बाई कॉलेज के पास नाले और फुटपाथ के सुदृढ़ीकरण का कार्य होना था। इस काम पर 3 करोड़ 88 लाख 19 हजार 934 रुपये खर्च हुए। कंपनी ने पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्धारित एजेंसी से निर्माण के लिए सामग्री नहीं खरीदी। उसने निर्माण कार्य के लिए सामग्री खरीदने के बिल विनायक सेल्स व कार्तिक ट्रेडिंग कंपनी के लगाए। मगर, दिल्ली के सेल्स टैक्स विभाग ने जांच में सभी बिल फर्जी पाए।

मै.तरुण गुप्ता एंड कंपनी

इस कंपनी को ओल्ड एमबी रोड, इग्नू रोड, फिरनी रोड पर नालों के सुदृढ़ीकरण का कार्य मिला था। जिसे कंपनी ने पूरा बताकर 3 करोड़ 26 लाख 36 हजार रुपये का बिल पास करा लिया। इस कार्य को 2012-13 में शुरू किया गया था। जिसे 2015 में पूरा किया जाना बताया गया। बिल पास होने के बाद मौके पर काम पूरा नहीं मिला। कंपनी ने निर्माण के लिए सामग्री कहां से खरीदी, विभाग के पास कोई भी बिल मौजूद नहीं है।

मै.एमसी. कंस्ट्रक्शन कंपनी

इस कंपनी को सड़क, फुटपाथ, नालों व सेंट्रलवर्ज के सुदृढ़ीकरण का कार्य मिला था। कंपनी ने कागजों में कार्य पूरा बताकर इस पर 7 करोड़ 65 लाख 23 हजार 537 रुपये खर्च बताकर भुगतान भी ले लिया। यह कार्य विभाग की डिवीजन एम-442 के तहत आता है। निर्माण कार्य के लिए सामग्री कहां से खरीदी गई, विभाग के पास बिल मौजूद नहीं हैं। 

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