फिर मुश्किल में अरविंद केजरीवाल, PWD दफ्तर पर एसीबी ने मारी रेड
शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने साढ़ू को ठेके दिलवाए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल की कंपनी रेनू कंस्ट्रक्शन समेत दो अन्य कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय पर छापे मारकर टेंडर व पेमेंट से संबंधित दस्तावेज जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
बृहस्पतिवार शाम एसीबी के चार अधिकरियों की टीम ने मुकरबा चौक पर पीडब्ल्यूडी कार्यालय पर छापा मारा। वहां से फर्जी बिलों के भुगतान से संबंधित दस्तावेज हासिल किए।
उधर, एसीबी में पहले ही घोटाले की तीन शिकयतें दर्ज कराने वाले राहुल शर्मा ने बृहस्पतिवार को एसीबी से एक और घोटाले की शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि लक्ष्मीबाई रोड पर फुटपाथ के ड्रेनेज की मरम्मत के लिए टेंडर निकाल उसका ठेका न्यू भारत कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को दिया गया था।
कंपनी ने निर्माण सामग्री कार्तिक ट्रेडिंग कंपनी व श्री विनायक सेल्स नाम की कंपनी से खरीदारी दिखाई और इनके बिल लगाए। आरटीआइ से पता चला कि कार्तिक ट्रेडिंग नाम से कोई कंपनी ही नहीं है।
श्री विनायक सेल्स कंपनी ने भी अपने सभी बिल को फर्जी बताया। ज्ञात हो कि राहुल शर्मा की शिकायत पर एसीबी ने 9 मई को सुरेंद्र कुमार बंसल की रेनू कंस्ट्रक्शन समेत तीन कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। बंसल पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने केजरीवाल की मदद से 10 करोड़ रुपये का पीडब्ल्यूडी से ठेका लिया।
लोक निर्माण विभाग ने 2015 में शनि मंदिर से बकौली गांव तक नाले के निर्माण कार्य के लिए निविदा आवंटित की थी। उसका ठेका रेनू कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था। विभाग ने उक्त कार्य की अनुमानित लागत 4.9 करोड़ निर्धारित की थी। कंपनी ने बिलों में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों का गबन किया।
पीडब्ल्यूडी के कुछ अधिकारी बिलों को सत्यापित किए बिना ही आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर भुगतान भी कर दिया था। इसी तरह 6 अन्य कार्यो में बिलों में फर्जीवाड़ा किया गया। शिकायत में 250 करोड़ रुपये के कार्यो में भ्रष्टाचार, अनियमितता व नियमों की अनदेखी की बात कही गई है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) घोटाले में एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने बृहस्पतिवार को PWD के दफ्तर पर रेड की। दफ्तर मुकरबा चोक पर है, जहां पर एसीबी की टीम रेड के लिए पहुंची।
यहां पर बता दें कि अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल की कंपनी (रेनू कंस्ट्रक्शन) व दो अन्य कंपनियों के खिलाफ एसीबी ने मंगलवार शाम केस दर्ज कर लिया था। उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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एसीबी प्रमुख, विशेष आयुक्त मुकेश कुमार मीणा ने केस दर्ज किए जाने की पुष्टि भी की थी। रोड एंटीकरप्शन आर्गनाइजेशन संस्था व एक पत्रकार ने कुछ महीने पहले सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी जुटाकर आइपी एस्टेट थाने में शिकायत की थी।
सुरेंद्र कुमार बंसल पर आरोप है कि उन्होंने केजरीवाल की मदद से 10 करोड़ रुपये का पीडब्ल्यूडी का ठेका प्राप्त किया। हालांकि, सुरेंद्र कुमार बंसल का निधन हो चुका है।
वहीं, आइपी एस्टेट थाना पुलिस ने मामले को आर्थिक अपराध शाखा में भेज दिया था। वहां भी केस दर्ज न करने पर शिकायतकर्ता ने तीस हजारी कोर्ट में अर्जी दायर कर मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की थी। अदालत ने सोमवार को मामले को एसीबी में भेजकर जांच करने को कहा था।
शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने साढ़ू को ठेके दिलवाए। लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2015 में शनि मंदिर से बकौली गांव तक नाले के निर्माण कार्य के लिए निविदा आवंटित की थी। यह काम सुरेंद्र कुमार बंसल की कंपनी रेनू कंस्ट्रक्शन को दिया गया।
बंसल अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता की बड़ी बहन शकुन के पति थे। लोक निर्माण विभाग ने उक्त कार्य की अनुमानित लागत 4,90,36,843 निर्धारित की थी। उक्त कंपनी ने बिलों में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का गबन किया। फर्जीवाड़े में पीडब्ल्यूडी के भी अधिकारी शामिल हैं।
उन्होंने बिलों को स्थापित किए बिना ही अधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया और निर्माण कंपनी को भुगतान भी कर दिया। इसी तरह छह अन्य कार्यो में बिलों में फर्जीवाड़ा किया गया।
विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से सड़कों और नालों के निर्माण कार्य के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार फर्जी बिलों के जरिये किया गया। 250 करोड़ रुपये के कार्यो में नियमों की अनदेखी की गई। गड़बड़ी की शिकायत पर कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी की फाइलों को सीज करा दिया है। सीबीआइ ने भी कुछ फाइलों को कब्जे में लिया है।
वर्ष 2015 व 2016 में पीडब्ल्यूडी में काम में गड़बड़ी को लेकर राहुल शर्मा ने शिकायत दी थी। तीन केस दर्ज किए गए हैं क्योंकि अलग-अलग कंपनी हैं। कागजों में जिन्हें कंपनी दिखाया गया है, वास्तव में वह कंपनी नहीं हैं। फर्जी बिल लगाए गए हैं।
अरविंद केजरीवाल के साढ़ू की रेनू कंस्ट्रक्शन नाम से कंपनी है। पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा भी कुछ जानकारी देना चाह रहे हैं। उन्हें 11 मई को मिलने का समय दिया गया था।