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अभाविप ने पाठ्यक्रम में सुधार हेतु संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा महिला एवं बाल विकास युवा तथा खेल मामलों की संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को ज्ञापन सौंपा। साथ ही अभाविप ने सहस्त्रबुद्धे को तालाबंदी के बाद फिर से शिक्षण संस्थानों को खोलने संबंधी विभिन्न सुझाव भी दिए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 10:36 PM (IST)
अभाविप ने पाठ्यक्रम में सुधार हेतु संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन
शैक्षिक संस्थानों के अविलंब खुलने की भी रखी मांग।

नई दिल्ली, राहुल चौहान। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, युवा तथा खेल मामलों की संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को ज्ञापन सौंपा। इस बीच सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी आदि विषयों के पाठ्यक्रमों में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव की नेतृत्वकर्ता महिलाओं के वर्णन, विभिन्न इतिहास कालखंडों के समुचित प्रतिनिधित्व के साथ समावेशन, भारत के सभी भौगोलिक क्षेत्रों के विषयों जैसे पूर्वोत्तर, दक्षिण भारत के राज्यों, जनजातीय क्षेत्रों को पाठ्यक्रमों में उचित स्थान देने की मांग की। साथ ही अभाविप ने सहस्त्रबुद्धे को तालाबंदी के बाद फिर से शिक्षण संस्थानों को खोलने संबंधी विभिन्न सुझाव भी दिए। जिससे महीनों से बंद पड़ी आफलाइन शिक्षा व्यवस्था शुरू की जा सके। इस बीच अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि आशा करते हैं कि सरकार हमारी मांगों तथा सुझावों पर शीघ्र कार्यवाही करेगी।

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डीबीटी के जरिये छात्रों को मिलेगा फंड

दिल्ली के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को राहत देने के लिए सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये छात्रों को फंड भेजने की मंजूरी दी है। मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट ने शिक्षा संबंधी वित्तीय प्राविधान से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें सरकारी और वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को डीबीटी के माध्यम से पाठ्यपुस्तक और लेखन सामग्री के लिए धनराशि भेजना शामिल है। साथ ही, दिल्ली ब्यूरो ऑफ टेक्स्ट बुक को प्रकाशन सामग्री, छात्र डायरी, कार्य पुस्तिका, खुशी पाठ्यचर्या से संबंधित सामग्री के प्रकाशन और वितरण के लिए 30.05 करोड़ रुपये की भी मंजूरी दी गई है।

इसके अलावा, कैबिनेट ने सरकारी भूमि पर बने निजी स्कूलों द्वारा वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए फीस वृद्धि संबंधी प्रस्ताव की जांच एवं निस्तारण करने के लिए पीएमयू (परियोजना प्रबंधन इकाई) की स्थापना को भी मंजूरी दी है।

उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि ऐसे कठिन समय में सरकार बच्चों की शिक्षा में आने वाली हर बाधा को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बच्चों को दी गई वित्तीय सहायता के माध्यम से सभी बच्चे अध्ययन सामग्री और पाठ्य पुस्तकें खरीद पाएंगे और अपनी पढ़ाई से अच्छी तरह जुड़े रहेंगे।

सिसोदिया ने कहा, आर्थिक तंगी के बावजूद हम अपने बच्चों के लिए हर प्रयास करेंगे ताकि उनकी पढ़ाई का नुकसान न हो। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को पुस्तकों और लेखन सामग्री के लिए धनराशि दी जाती है। इस वर्ष के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए 64.37 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की मंजूरी दी है। 

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