SDMC में टैक्स बढ़ाये जाने के विरोध में AAP का प्रदर्शन, कई नेता हिरासत में
दक्षिण दिल्ली नगर निगम पेशेवर कर लगाने के साथ ही संपत्ति की खरीद पर लगने वाली ट्रांसफर ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) द्वारा पेशेवर कर लगाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने नाखुशी जताई है। इसी कड़ी में बुधवार को AAP कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
साउथ दिल्ली निगम की तरफ से हाउस टैक्स व अन्य टैक्स बढ़ाये जाने के विरोध मे दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे कई आप कार्यकर्ताओ को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों हुई दक्षिण दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में खराब आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए पेशेवर कर लगाने के साथ ही संपत्ति की खरीद पर लगने वाली ट्रांसफर ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है। वहीं, निगम ने अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को संपत्तिकर में बड़ी राहत प्रदान की है। हालांकि, विपक्ष के विरोध के चलते निगम ने विद्युत कर की दर में एक फीसद बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
कोरोना संकट के बाद नवनिर्वाचित महापौर अनामिका सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पहली बैठक में ये प्रस्ताव पास किए गए। ऐसे में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में अब संपत्ति खरीदना महंगा हो जाएगा। दरअसल, निगम ने जो प्रस्ताव पास किया है, उसके तहत सर्किल रेट के हिसाब से 25 लाख से ज्यादा की संपत्ति खरीदने पर एक फीसद ज्यादा ट्रांसफर ड्यूटी देनी होगी। पहले संपत्ति खरीदने पर महिला को दो फीसद ट्रांसफर ड्यूटी देनी होती थी, वहीं पुरुष को तीन फीसद, जबकि अब महिला को तीन और पुरुष को चार फीसद ट्रांसफर ड्यूटी चुकानी होगी।
पेशेवर कर का स्लैब बदला
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने स्थायी समिति से पेशेवर कर लगाने के लिए प्रस्तावित दरों को सदन में बदल दिया है। पूर्व में 20 हजार की मासिक आय वालों को इस कर के दायरे में लाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 हजार मासिक आय पर कर दिया गया है। इसके तहत प्रतिमाह 50 हजार रुपये से ज्यादा कमाने वाले नौकरीपेशा को 100 रुपये प्रतिमाह व सालाना छह लाख से ज्यादा कमाने वाले स्वरोजगार वालों को 1200 रुपये वार्षिक का पेशेवर कर देना होगा। इससे ऊपर के स्लैब में 1800 और 2400 रुपये वार्षिक का पेशेवर कर देना होगा। इसके तहत दक्षिणी निगम में पंजीकृत कंपनियों को तय श्रेणियों में आने वाले कर्मियों की आय में कर काटकर निगम को जमा कराना होगा। वहीं, स्वरोजगार वालों को वार्षिक आयकर जमा कराने के साथ ही यह कर भी निगम को जमा कराना होगा।