Move to Jagran APP

Delhi Ritos: AAP विधायक अमानतुल्लाह ने उठाए गंभीर सवाल, दंगों से जुड़ी FIR क्यों नहीं उपलब्ध करा रही पुलिस

अमानतुल्लाह खान ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में पुलिस से स्पष्टीकरण मांगें कि दंगों से संबंधित एफआइआर उपलब्ध कराने से दिल्ली पुलिस क्यों बच रही है?

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 08:38 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 08:38 AM (IST)
Delhi Ritos: AAP विधायक अमानतुल्लाह ने उठाए गंभीर सवाल, दंगों से जुड़ी FIR क्यों नहीं उपलब्ध करा रही पुलिस
Delhi Ritos: AAP विधायक अमानतुल्लाह ने उठाए गंभीर सवाल, दंगों से जुड़ी FIR क्यों नहीं उपलब्ध करा रही पुलिस

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। उत्तर-पूर्वी दंगों को लेकर दिल्ली विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण कमेटी की बुधवार को बैठक हुई। इस दौरान दंगों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में दिल्ली पुलिस द्वारा विधानसभा की कमेटी को दंगों से संबंधित एफआईआर की कॉपी उपलब्ध न कराए जाने का मुद्दा गर्म रहा। इस मुद्दे पर कमेटी अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में पुलिस से स्पष्टीकरण मांगें कि दंगों से संबंधित एफआइआर उपलब्ध कराने से दिल्ली पुलिस क्यों बच रही है? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एफआइआर पब्लिक डोमेन में होनी चाहिए। बैठक में उत्तर-पूर्वी दिल्ली और शाहदरा के जिला मजिस्ट्रेट, दोनों जिलों के सभी उप जिला अधिकारी, गृह सचिव और राजस्व विभाग के डिविजनल कमिश्नर को तलब किया गया था।

loksabha election banner

बैठक में सीलमपुर के विधायक अब्दुर्रहमान, मुस्तफाबाद से विधायक हाजी यूनुस, विधायक जरनैल सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रहे। बैठक के दौरान ऐसी पांचों एफआइआर पर भी चर्चा हुई, जिनमें पुलिस ने एक जैसी कहानी बनाकर एक ही समुदाय के लोगों के खिलाफ केस बना दिया। इन पांचों एफआइआर की न केवल कहानी एक जैसी है, बल्कि मजमून भी एक जैसा है। वहीं कई ऐसे वीडियो भी बैठक के बीच चलाए गए जिनमें दंगाइयों की सा़फ पहचान हो रही है, लेकिन पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। बैठक में फैजान नामक एक व्यक्ति का वीडिओ चलाया गया, जिसमें कई पुलिस वाले एक व्यक्ति को मार रहे हैं और नारे भी लगवा रहे हैं। इसके बाद उसकी मौत हो जाती है। कमेटी ने गृह सचिव से पूछा है कि इन दंगाइयों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

पीड़ितों ने सुनाई आपबीती, कमेटी ने दिए कार्रवाई के निर्देश

बैठक में तीन ऐसे दंगा पीड़ितों को भी पेश किया गया। इनमें दंगे के दौरान दो महिलाओं का घर लूट लिया गया था। वहीं एक व्यक्ति के भाई की दंगे में मौत हो गई थी, लेकिन पुलिस ने आज तक एफआइआर नहीं लिखी। इन पीड़ितों ने सभी अधिकारयों को कमेटी के सामने अपनी आप बीती सुनाई। इसके बाद कमेटी ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।

नुकसान 90 हजार का, मुआवजा मिला 8 लाख

बैठक के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा मुआवजे को लेकर हुई। इसमें पाया गया कि मुआवजे के आवंटन पर काफी कोताही बरती गई है। कई केस ऐसे कमेटी के पटल पर रखे गए, जिनमें 8 से 10 लाख का नुकसान पाने वाले पीड़ितों को मात्र 20 से 30 हजार का ही मुआवजा दिया गया। वहीं, महज 90 हजार के नुकसान वालों को 8 लाख तक का का मुआवजा दे दिया गया। कमेटी अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने ऐसे सभी केसों पर पुन: विचार के आदेश दिए हैं।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.