दिल्ली में महंगा होगा ऑटो-टैक्सी का सफर, केजरीवाल सरकार ने दी किराया बढ़ाने को मंजरी
माना जा रहा है कि बढ़े हुए किराये को अगले सप्ताह लागू किया जा सकता है। दिल्ली में जून 2009 से किराया नहीं बढ़ा है। कई सालों से ऑटो यूनियन इस बात की मांग कर रही थीं।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली में जल्द ही ऑटो-टैक्सी से सफर करना महंगा होने वाला है। शुक्रवार को दिल्ली कैबिनेट की अहम बैठक में दिल्ली में ऑटो किराया बढ़ाने को केजरीवाल सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रति किलोमीटर 1.5 रुपये की बढ़ोतरी को दिल्ली कैबिनेट ने मंजरी दी है। माना जा रहा है कि बढ़े हुए किराये को अगले सप्ताह चालू किया जा सकता है। किराया बढ़ाने से संबंधित फाइल का काम पूरा कर परिवहन विभाग ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार के पास भेज दिया था। यह भी एक सच्चाई है कि दिल्ली में जून 2009 से किराया नहीं बढ़ा है। अब जाकर तकरीबन 10 तक ऑटो-टैक्सी का किराया बढ़ाया गया है।
ऑटो और टैक्सी आदि का किराया बढ़ाने से संबंधित सुझाव देने के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ माह पहले परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त अनिल बंका के नेतृत्व में कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जनवरी के अंत में अंतिम बैठक पूरी कर ली थी। विभाग ने इसे लागू करने के लिए फाइल सरकार के पास भेज दियाथा। गत दिनों परिवहन विभाग में आयोजित बैठक में ग्रामीण सेवा व मेट्रो फीडर का किराया बढ़ाने की मांग की भी गई थी।
वर्तमान में कितना है ऑटो किराया
वर्तमान में ऑटो का किराया पहले दो किलोमीटर पर 25 रुपये लगता है। इसके बाद आठ रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से लगता है।
मिनी बस व मेट्रो फीडर बस सेवा का वर्तमान किराया
मिनी बस सेवा, मेट्रो फीडर बस सेवा, फटफट सेवा व ग्रामीण सेवा आदि के लिए अभी पांच रुपये, दस रुपये व 15 रुपये किराया निर्धारित है। इनका किराया 2009 से नहीं बढ़ा है। प्रस्तावित किराये में 10 रुपये, 20 रुपये और 30 रुपये की मांग की गई थी।
टैक्सी का वर्तमान किराया और यूनियन की मांग
टैक्सी का वर्तमान किराया पहले एक किमी पर 25 रुपये है। इसके बाद 14 रुपये प्रति घंटा और जाम में फंसने पर 15 मिनट के बाद 15 रुपये, जबकि रात्रि सेवा के लिए 25 फीसद अतिरिक्त शुल्क है। ऑटो टैक्सी यूनियन के नेता राजेंद्र सोनी के मुताबिक, अब पहले किमी के लिए 50 रुपये, इसके बाद 20 रुपये प्रति किमी और वेटिंग के लिए सौ रुपया प्रति घंटा की मांग थी। रात्रि सेवा का 50 फीसद अतिरिक्त शुल्क मांगा गया था।