Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

हरियाणा में AAP के गठबंधन की चर्चा से दिल्ली कांग्रेस के नेता परेशान? कैरियर खत्म होने का क्यों सता रहा डर

Delhi AAP Congress हरियाणा में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर हो रही चर्चाओं से दिल्ली कांग्रेस के नेता परेशान नजर आ रहे हैं। उन्हें लगता है कि अगर हरियाणा में गठबंधन हुआ तो दिल्ली में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। दिल्ली में अभी कांग्रेस की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में सुधरी है जो गठबंधन के बाद बिगड़ सकती है।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Thu, 05 Sep 2024 12:38 AM (IST)
Hero Image
हरियाणा के गठबंधन से दिल्ली में भी निकलेगी समझौते की राह!

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। हरियाणा में गठबंधन की चर्चाओं के बीच राजधानी के कांग्रेसी भी सकते में आ गए हैं। कारण, अगर हरियाणा में आप और कांग्रेस का गठबंधन सिरे चढ़ गया तो फिर दिल्ली में भी इसके लिए दबाव बढ़ जाएगा। जबकि प्रदेश कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप का साथ किसी भी सूरत में नहीं चाहती।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जब से आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बैठकों का दौर शुरू हुआ है, दिल्ली में भी कांग्रेसी परेशान हो गए हैं।

कांग्रेस नेताओं की मेहनत पर फिर जाएगा पानी

दरअसल, प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र यादव जहां लगातार पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं, वहीं आप सरकार पर भी पूरी तरह हमलावर हैं। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में भी संभावित प्रत्याशी अपने स्तर पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन हाल-फिलहाल की परिस्थितियों में इस सभी पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

दिल्ली में इस बार मजूबत स्थिति में कांग्रेस

वरिष्ठ नेताओं की मानें तो अबकी बार कांग्रेस अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में है, जबकि आप की स्थिति पहले जैसी कतई नहीं कही जा सकती। इसीलिए पार्टी अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ भविष्य में कांग्रेस की स्थिति बेहतर करना चाहती है। जबकि अगर आप के साथ गठबंधन हो गया तो कांग्रेस को अधिकतम 15 से 25 सीटें मिल पाएंगी।

ज्यादातर सीटों पर खत्म हो जाएगा वजूद

मतलब, बाकी 45 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का वजूद ही खत्म हो जाएगा। गठबंधन में अगर कुछ विधायक और एक दो मंत्री पद पाकर एक तिहाई दिल्ली में कांग्रेस का सफाया कर दिया जाता है तो इसे फायदे का सौदा नहीं कहा जा सकता।

गठबंधन न करने की सलाह दे रहे नेता

बताया जाता है कि इसी सोच के मद्देनजर दिल्ली कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता एक ओर हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को इस गठबंधन के लिए राजी नहीं होने की सलाह दे रहे हैं, तो दूसरी ओर राहुल गांधी के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के नुकसान से अवगत कराने में लगे हुए हैं।

कुछ वरिष्ठ नेताओं ने तो जागरण से बातचीत में यहां तक कह दिया, कुछ समझ नहीं आ रहा, दिमाग घूम रहा है। हम यहां मेहनत कर रहे हैं और ऊपर वाले गठबंधन करने में लगे हैं।

गठबंधन से नहीं किया जा सकता इनकार

दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में भी आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों की मानें तो 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव की स्थिति अलग थी, वर्तमान की स्थिति अगल है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदया कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आए हैं, जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी जेल में हैं।

ये भी पढ़ें- उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मंत्री की भाषा पर जताई आपत्ति, दी कानूनी कार्यवाही की चेतावनी

दिल्ली में अगले साल चुनाव

सूत्रों की मानें तो फरवरी 2025 में होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति जनवरी तक स्पष्ट हो जाएगी। लेकिन जिस तरह प्रदेश कांग्रेस के आरोपों के बाद भी आप प्रतिक्रिया नहीं दे रही है और नरम रुख अपना रही है। इससे यही माना जा रहा है कि आने वाले समय में ये दोनों दल लोकसभा चुनाव की तरह साथ आ सकते हैं।