जानिए, EVM मशीन में छेड़छाड़ कैसे है संभव, सीक्रेट कोड बदलकर हो सकता है खेल!
चर्चाओं में रहने वाली ईवीएम मशीन में क्या छेड़छाड़ संभव है। अब यह केवल चर्चा तक ही सीमित नहीं रही। आप विधायक ने इसका डेमो देकर इसे सच भी साबित किया है। आखिर क्या है डेमो का सच, आइए जानते हैं।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। ईवीएम का सीक्रेट कोड बदलकर पसंदीदा पार्टी का बटन दबा दो तो उसके बाद के सारे वोट उसी पार्टी को मिलेंगे। मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में इसका डेमो देकर सबको चौंका दिया। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर व आप विधायक सौरभ भारद्वाज ईवीएम मशीन लेकर सदन में पहुंचे और उन्होंने उसमें छेड़छाड़ का डेमो (प्रस्तुतिकरण) देकर उसे विस के रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया। आखिर क्या है डेमो का सच। आखिर कैसे हो सकती है ईवीएम में छेड़छाड़ ? आइए जानते हैं डेमो का स्टेप बाई स्टेप एक्शन .
EVM का डेमाे : स्टेप बाई स्टेप
1- भारद्वाज का दावा है कि ईवीएम में हर पार्टी का एक सीक्रेट कोड होता है।
2- कोई भी वोटर यदि अपनी पसंद की पार्टी का सीक्रेट कोड डाल दे तो उसके बाद दिए जाने वाले सारे वोट उसी पार्टी को जाएंगे।
3- ईवीएम जैसी एक मशीन से उन्होंने आप को 10, बसपा को 2, कांग्रेस को 2, भाजपा को 3 और सपा को 2 वोट दिए।
4- भाजपा का कोड डालकर बताया कि किस तरह उसे 11 जबकि बाकी सभी पार्टियों को 2-2 वोट हासिल हुए। तीन घंटे के लिए दे दें ईवीएम गुजरात में नहीं जीतेगी भाजपा।
5- भारद्वाज ने माना कि दिल्ली विस में दिखाई गई ईवीएम का प्रतिरूप है, लेकिन चुनाव आयोग की ईवीएम का मदरबोर्ड डेढ़ मिनट में बदला जा सकता है।
6- सीक्रेट कोड बदलकर किसी भी ईवीएम को फिक्स किया जा सकता है।
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7-सीक्रेट कोड बदलने व वोट देने के लिए दो बार बटन दबाना प़़डेगा, जो असंभव है। देश और लोकतंत्र के लिए बहुत ब़़डा खतरा है। आयोग हमें उसकी ईवीएम दे दे 90 सेकंड में हम उसका मदर बोर्ड बदल देंगे।
8- अगर गुजरात चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मुझे 3 घंटे के लिए दे दी जाएं राज्य में भाजपा एक भी बूथ से नहीं जीतेगी।
चुनाव आयोग का दावा
1- चुनाव आयोग से जु़डे सूत्रों का कहना है ईवीएम में सीक्रेट कोड नहीं होता है।
2- इनका मदर बोर्ड बदला नहीं जा सकता है।
3- किसी भी मशीन का बटन वोटर सिर्फ एक बार दबा सकता है।
हालांकि आप के इस दावे का चुनाव आयोग ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया है। यह उम्मीद की जा रही है कि वह 12 मई को सभी दलों की बैठक के बाद जवाब दे सकता है। आयोग ने इसी माह ईवीएम में छेड़छाड़ साबित करने के लिए खुला अवसर देते हुए 'ईवीएम हैकाथन' भी रखा है।