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राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस का समर्थन कर सकती है 'आप', जानें- वोट गणित

आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन का मन बना लिया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 01 Jul 2017 05:20 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jul 2017 04:19 PM (IST)
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस का समर्थन कर सकती है 'आप', जानें- वोट गणित
राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस का समर्थन कर सकती है 'आप', जानें- वोट गणित

नई दिल्ली [जेएनएन]। देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। एनडीए ने रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार चुना है तो वहीं यूपीए ने मीरा कुमार को मैदान में उतारा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का एलान किया है। वहीं, बिहार में महागठबंधन के दूसरे घटक दल आरजेडी ने कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार मीरा कुमार के पक्ष में जाने का फैसला किया है।

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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की स्थिति साफ नहीं है लेकिन इस बीच सूत्रों से मिल रही खबरों की मानें तो आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन का मन बना लिया है। 

क्या है 'आप' की भूमिका 

अब यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी की राष्ट्रपति चुनाव में कितनी भूमिका है। कितने वोट हैं और कितने विधायक। आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 65 विधायक हैं। वैसे तो पार्टी ने 67 सीट जीती थी, मगर उनके एक विधायक भाजपा में शामिल हो गए और दूसरे पंजाब जाकर चुनाव लड़े। जिसके चलते राजौरी की सीट पर उपचुनाव में आम आदमी पार्टी एक और सीट गंवा बैठी।

कुल वोट का 0.82 फीसदी

पंजाब विधानसभा की बात की जाए तो यहां 'आप' के पास 22 विधायक हैं। कुल विधायकों की बात की जाये तो 87 विधायक हैं। लोकसभा में आम आदमी पार्टी के चार सांसद हैं। पार्टी के विधायकों और सांसदों के वोट का मूल्य 9,038 है। यह इलेक्टोरल कॉलेज के कुल वोट का 0.82 फीसदी है।

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आम आदमी पार्टी से संपर्क नहीं किया

इस पूरी कवायद के बीच आम आदमी पार्टी को न तो कांग्रेस ने पूछा और न ही भाजपा ने। आम आदमी पार्टी के नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहना पड़ा कि हमें किसी ने न्यौता नहीं दिया। 'आप' नेता संजय सिंह का कहना है कि 'राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में एनडीए ने राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू और अरुण जेटली को अलग-अलग राजनीतिक दलों से बात करने की जिम्मेदारी दी थी। इस कमिटी ने कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, बीएसपी और शिवसेना जैसे दलों से बातचीत की, लेकिन आम आदमी पार्टी से संपर्क नहीं किया गया।

'आम आदमी पार्टी की कोई औकात नहीं'

आम आदमी पार्टी का मानना है कि अगर राजनीतिक दलों से इस तरह दूरी बनाई जाएगी तो राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए या एनडीए को समर्थन देना एक मुश्किल काम होगा। संजय सिंह ने कहा- 'कांग्रेस नेता आनंद शर्मा कहते हैं आम आदमी पार्टी की कोई औकात नहीं है। लोकतंत्र में कांग्रेस की मौजूदा हालत इसलिए है क्योंकि उनको आम आदमी की ताकत पता नहीं है। इस तरह के बयान से कांग्रेस का अहंकार झलकता है।' 

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