Move to Jagran APP

राष्ट्रपिता और SC पर तल्‍ख टिप्‍पणी के कारण फ‍िर सुर्खियों में आए AAP विधायक सोमनाथ

सोमनाथ भारती ने गांधी जी को जातिगत भेदभाव बढ़ाने वाला बताया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 11:29 AM (IST)
राष्ट्रपिता और SC पर तल्‍ख टिप्‍पणी के कारण फ‍िर सुर्खियों में आए AAP विधायक सोमनाथ
राष्ट्रपिता और SC पर तल्‍ख टिप्‍पणी के कारण फ‍िर सुर्खियों में आए AAP विधायक सोमनाथ

नई दिल्ली [ जेएनएन ]। घरेलू हिंसा मामले में सुर्खियों में आए आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती एक बार फ‍िर चर्चा में हैं। इस बार उन्‍होंने दिल्‍ली विधानसभा के अंदर राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी पर तल्‍ख टिप्‍पणी की है। इतना ही नहीं उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं बख्‍सा। एससी एसटी पर फैसला सुनाने वाले जजों को भाजपा समर्थक करार दिया है। अचरज की बात तो यह है कि जब सोमनाथ सदन में चीख-चीख कर गांधी पर टिप्‍पणी कह रहे थे, उस वक्‍त दिल्‍ली विधानसभ्‍ाा के अध्‍यक्ष भी वहां मौजूद थे। उम्‍मीद की जा रही थी कि अध्‍यक्ष इस पर ऐतराज जताएंगे, लेकिन वह मौन साधे रहे।

loksabha election banner

सोमनाथ भारती सोमवार को अपने बड़बोलेपन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर भी निशाना साध गए। उन्होंने गांधी जी को जातिगत भेदभाव बढ़ाने वाला बताया। साथ ही भारती ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश यूयू ललित पर भाजपा समर्थक होने का भी आरोप लगाया।

दरअसल, सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष राखी बिड़ला के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (नियम 54) के तहत चर्चा रखी गई थी। विषय था अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम 1989 के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से उत्पन्न स्थिति।

इस चर्चा के दौरान विधायक सोमनाथ भारती महात्मा गांधी और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पर भी टीका टिप्पणी करने से बाज नहीं आए। चर्चा के क्रम में भारती ने कहा कि महात्मा गांधी ने वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया। इसे कर्मों का फल भी बताया। उनके इस समर्थन से देश में जातिगत भेदभाव को बढ़ावा मिला।

इसके लिए भारती ने महात्मा गांधी की निंदा भी की। हैरत की बात यह है कि इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल सहित सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के सभी विधायक खामोश रहे।

इसके बाद भारती ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर निर्णय देने वाली सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच के न्यायाधीश यूयू ललित पर भी टिप्पणी की। उनका कहना था कि इस निर्णय में निर्णय देने वाले की मानसिकता की छाप भी स्पष्ट तौर पर नजर आती है। भारती ने कहा कि यही न्यायाधीश यूयू ललित पूर्व में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्र सरकार में मंत्री वीके सिंह के भी वकील रह चुके हैं। संभव है कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की कुर्सी भी उन्हें इसीलिए मिली हो।

इसके बाद भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनकी सरकार को दोगले चरित्र वाली बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लाने की बात कह रही है। बेहतर तो यह होता कि संसद में विधेयक लाकर संबंधित कानून में संशोधन करने का काम किया जाता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.