दिल्ली की मंडोली जेल से नामी गैंग चला रहा था रंगदारी वसूलने का धंधा, पुलिस के पास पहुंची शिकायत तो सच्चाई आई सामने
14 सितंबर को उसके फोन पर एक काल आया। कालर ने बताया कि वह मंडोली जेल से गोगी गैंग का सदस्य दिग्विजय सरोहा बोल रहा है। उसने पीड़ित से रंगदारी मांगी व उसे धमकाया। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी कर जांच जिले की स्पेशल स्टाफ टीम को सौंप दी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रोहिणी जिले की स्पेशल स्टाफ टीम ने व्यापारी को काल कर उससे रंगदारी मांगने वाले गोगी गैंग के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान हरियाणा के सोनीपत की हाउसिंग कालोनी के अजमेर उर्फ मोहित और सोनीपत के माडल टाउन के योगेश उर्फ बाबी के रूप में हुई है। गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे व्यापारियों से रंगदारी मांग रहा था और आरोपित उसे लोगों के नंबर उपलब्ध करवा रहे थे। आरोपितों के पास से तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं।
रोहिणी जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि बेगमपुर थाना पुलिस को गोगी गैंग के सदस्यों की ओर से धमकी देकर रंगदारी मांगने की जानकारी मिली थी। पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पहले अवैध शराब की आपूर्ति में शामिल था और अपना छोटा व्यवसाय चलाता है।
14 सितंबर को उसके फोन पर एक काल आया। कालर ने बताया कि वह मंडोली जेल से गोगी गैंग का सदस्य दिग्विजय सरोहा बोल रहा है। उसने पीड़ित से रंगदारी मांगी व उसे धमकाया। इसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी कर जांच जिले की स्पेशल स्टाफ टीम को सौंप दी।
आरोपितों को पकड़ने के लिए एसीपी ईश्वर सिंह की देखरेख में एक टीम बनाई गई। टीम में एसआइ अमित जगलान, एएसआइ देवानंद, रविंदर, हेड कांस्टेबल अश्विनी, महेश आदि शामिल थे।पुलिस ने कालर के नंबर की जांच की और आरोपित अजमेर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान अजमेर ने बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर में अवैध शराब की आपूर्ति करता है और गैंगस्टर दिग्विजय सरोहा उर्फ नानू (मकोका मामले में जेल में बंद) को ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाता है जो आसानी से रंगदारी दे सकें।
आरोपित ने बताया कि दिग्विजय सरोहा नियमित रूप से जेल से अलग-अलग मोबाइल नंबरों से उसे फोन करता है। 14 सितंबर को उसने दिग्विजय सरोहा के छोटे भाई योगेश उर्फ बाबी के साथ मिलकर दिग्विजय से कांफ्रेंस काल की। इस दौरान अजमेर ने शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर दिग्विजय सरोहा को दिया। योगेश ने प्राक्सी सिम कार्ड और मोबाइल हैंडसेट की व्यवस्था की और फिर आरोपित अजमेर और दिग्विजय ने कांफ्रेस काल कर शिकायतकर्ता को धमकी दी व उससे रंगदारी मांगी।
इसके बाद पुलिस ने योगेश को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के पास से तीन मोबाइल बरामद किए गए। स्पेशल स्टाफ टीम ने दोनों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जांच के दौरान पता लगा कि अजमेर गैंग का सक्रिय सदस्य है और वही उन लोगों के नंबर गैंगस्टर दिग्विजय को देता था जो आसानी से रंगदारी दे सकें। वहीं योगेश एमए पास है और जेल में बंद अपने बड़े भाई के लिए कांफ्रेंस काल की व्यवस्था करता है, ताकि वह (दिग्विजय) जेल में बैठे-बैठे गैंग चला सके।