थोड़ी सावधानी, थोड़ा इंतजाम फिर सफर हो जाए आसान
सर्दी की शुरुआत के साथ सड़कों पर धुंध-कोहरे का साम्राज्य कायम होने लगा है। यह समय के साथ गहरा होता जाएगा।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। सर्दी की शुरुआत के साथ सड़कों पर धुंध-कोहरे का साम्राज्य कायम होने लगा है। यह समय के साथ गहरा होता जाएगा। कोहरे के कारण भयावह हादसे भी होते हैं। हाईवे और एक्सप्रेस-वे की ऐसी भयावह तस्वीरें दिल दहला देती हैं। ऐसे में तनिक जरूरी इंतजाम कर सावधानी से चलें तो कोहरे में दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। वैसे, इसके लिए सड़कों के रखरखाव की कार्यदायी संस्थाओं को जरूरी कदम उठाने होंगे। तभी लोग बिना किसी भय के सुरक्षित मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
क्या करें इंतजाम
- वाहनों के आगे पीछे फॉग लाइट्स के साथ ही बाहरी भाग पर रेडियम स्टिकर लगाकर चलें।
- इसके अलावा ज्यादा जरूरी होने पर गाड़ी में मौजूद हैजार्ड बटन दबाकर चले, जो डेसबोर्ड पर लाल रंग का होता है, इसे दबाने से गाड़ी के चारों ओर के इंडिकेटर जलने-बुझने लगते हैं। इससे पीछे से आ रहा वाहन सावधान होकर अपने वाहन की रफ्तार धीमी कर लेता है।
- इसी तरह हेड लाइट्स व टेल लाइट्स के साथ ही हॉर्न को भी दुरुस्त करा लें। दृश्यता कम होने पर हॉर्न देते हुए भी चलें।
- कभी भी ओवरटेक करने या रफ्तार तेज करने की कोशिश न करें। यह जोखिम बढ़ा सकता है। इसकी जगह सड़क की सफेद पंट्टी के साथ एक कतार में वाहनों के पीछे एक उचित दूरी बनाकर धीमी रफ्तार से चलें।
- सभी शीशे को अच्छी तरह से साफ कर लें। वाइपर काम कर रहे हैं या नहीं, यह चेक कर लें।
एक दमदार टॉर्च हमेशा कार में रखें। यह फॉग में सिग्नल देने के काम आ सकता है। वहीं कार लाइट से आगे का दिख नहीं रहा हो तो आप टॉर्च की मदद भी ले सकते हैं। इसकी कीमत 500 रुपये से 5000 रुपये तक है। कम खर्च में ज्यादा सुरक्षित सफर धुंध की स्थिति में वाहनों पर कम खर्च करके सफर को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है। आटोमोटिव पार्ट्स के प्रमुख बाजार कश्मीरी गेट में इसे लेकर पड़ताल की गई। बाजार में धुंध में भी यात्रा को सुरक्षित बनाने के तमाम साधन उपलब्ध हैं।
रेडियम टेप: रेडियम टेप धुंध में खास है। यह दूर से ही चमकता है। इस कारण दूसरे वाहन को आगे वाहन होने का पता चल जाता है। वैसे तो यह हर रंगों में उपलब्ध है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें लाल रंग ज्यादा कारगर साबित होता है। इसकी कीमत 15 से 18 रुपये वर्ग फुट है। बोनट पर लगाया जाता है। टेप चमक जाती है।
फॉग लाइट: इसी तरह फॉग लाइट भी जरूरी है, जो वाहन के आगे पीछे लगाया जाता है। इसकी तेज रोशनी धुंध के असर को कम करते हुए दूर तक रोशनी करता है। यह कम बीम का उत्सर्जन करती है, सड़क की सतह पर नीचे की ओर पड़ती है, जो रोशनी को फैलाव से रोकता है। जबकि सामान्य हेडलाइट में चौड़े बीम की रोशनी कोहरे में कारगर नहीं होती है। पीछे की फॉग लाइट पीछे आ रहे वाहनों को अपनी उपस्थिति बताता है। यह भी नीले, लाल समेत अन्य रंगों में है। इसमें अब एलईडी फॉग लाइट्स आने लगी है। इसकी कीमत 100 रुपये से लेकर बड़े वाहनों के लिए 4000 रुपये तक में है।
टेल लाइट: यह 50 रुपये से 5000 रुपये व हेड लाइट 400 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक में उपलब्ध है। टेल लाइट का काम सड़क में गड्ढों को देखना है, जबकि हेड लाइट सामने के दृश्य को देखने के काम आता है। यह वाहनों के लिए जरूरी है। एलइडी लाइट: यह खासकर दो पहिया वाहनों के प्रयोग में आता है। इससे दृश्यता बढ़ाई जा सकती है। इसकी कीमत 150 रुपये से लेकर 500 रुपये तक में है।
सभी वाहनों पर फॉग लाइट्स अनिवार्य है। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ ने केंद्र सरकार से अनुरोध भी किया है। फॉग लाइट्स दुर्घटना के खतरे को 30 फीसद तक कम करते हैं। इसी तरह वाहनों पर रेडियम स्टिकर का भी इस्तेमाल कर यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
के.के कपिला, अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ
कोहरे में वाहनों के लाइट्स को दुरुस्त रखने की खास जरूरत है। हेड लाइट व टेल लाइट अच्छी हालत में होनी चाहिए। इनका फोकस भी सही तरीके से रखा जाए। वहीं फॉग लाइट्स वाहनों के आगे पीछे लगता है। यह धुंध को काट कर दृश्यता बढ़ाती है।
संजय गोयल, लाइट्स निर्माता