Delhi News: खुसरो की उर्स में शामिल होने पाकिस्तान और बांग्लादेश से आया जायरीनों का दल
Urs Mubarak Of Hazrat Ameer Khusro दक्षिण दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह में औलिया के शिष्य व मशहूर शायर अमीर खुसरो का सालाना उर्स चल रहा है। इसमें देशभर से लोग चादरपोशी और दुआ मांगने आ रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवादादाता। पाकिस्तान के साथ भले ही संबंध खराब चल रहे हों, पर दिलों को मिलाने की खिड़कियां अब भी खुली हुई हैं। वहां से मुहब्बत का पैगाम लिए हवा के हल्के झोंके अब भी आ रहे हैं। निजामुद्दीन दरगाह में औलिया के शिष्य व मशहूर शायर अमीर खुसरो का सालाना उर्स चल रहा है। उसमें शामिल होने पाकिस्तान से जायरीनों का दल आया हुआ है। इनकी संख्या 100 से अधिक है। बृहस्पतिवार को उर्स का दूसरा दिन था। यह तीन दिन और चलेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन ने चादर पेश की। दो साल बाद दरगाह पूरी तरह से रौनक से भरी है। देर रात भी पैर रखने की जगह नहीं थी।
कोरोना महामारी के पहले साल तो दरगाह के चंद लोगों की मौजूदगी में खुसरो का उर्स मना था। पिछले साल भी पाबंदियां थीं। कोई छह माह पहले निजामुद्दीन औलिया के उर्स पर थोड़ी रौनक लौटी थी। तब बार्डर पर पांच साल से पसरे तनाव के बीच अमन का पैगाम लेकर पाकिस्तान से जायरीनों का छोटा दल भी आया था, जिसे भारत सरकार ने मंजूरी दी थी।
खुसरो के उर्स में तो सीमापार से 100 से अधिक लोग आए हैं। इनमे इस्लामाबाद, कराची व पेशावर जैसे शहरों के जायरीन हैं। वैसे, विभिन्न फूलों की खुशबू के साथ गमकते दरगाह और आने वाले रास्तों में हर धर्म के लोग मुस्कराते और रूहानी एहसास लपेटे हुए लोग दिख जा रहे हैं। इसमें महिला, पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग सभी हैं।
कव्वाली से गूंजते दरगाह में फातिहा के बाद देश की सलामती और तरक्की की दुआ में एक साथ हजारों हाथ उठ जा रहे हैं। लंगर की पंगत में अमीर गरीब सभी एक साथ हैं। शुक्रवार को दोपहर में बड़ा कूल होगा।
दरगाह शरीफ के चेयरमैन अफसार निजामी के मुताबिक इसके बाद नाथ और फातिहा पढ़ी जाएगी। कव्वाली का आयोजन होगा, जिसमे विभिन्न राज्यों के कव्वाल प्रस्तुति देंगे। दरगाह के उर्स आयोजन समिति के अध्यक्ष फरीद निजामी के अनुसार दो साल बाद खुसरो की उर्स में यह रौनक लौटी है।