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एक किसान ने पीएम नरेंद्र मोदी को बताया पूसा संस्थान कैसे किसानों को पहुंचा रहा फायदा, पढ़िए पूरा वाक्या

खास बात यह है कि 35 में से 12 किस्में पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों द्वारा विकसित की गई हैं। इसमें पांच धान की दो गेहूं की दो मक्के की एक सरसों की एक अरहर और एक बेबी कार्न की किस्म शामिल है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 03:17 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 03:17 PM (IST)
एक किसान ने पीएम नरेंद्र मोदी को बताया पूसा संस्थान कैसे किसानों को पहुंचा रहा फायदा, पढ़िए पूरा वाक्या
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संवाद में किसान कुलवंत सिंह ने कई जानकारियां साझा की।

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धान, मक्का और सरसों सहित अन्य फसलों की विशेष गुण वाली 35 किस्में तथा राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर का नवनिर्मित परिसर राष्ट्र को समर्पित किया। पूसा संस्थान परिसर स्थित सभागार में मौजूद भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानी व संस्थान से जुड़े किसान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये इस समारोह में शरीक हुए। खास बात यह है कि 35 में से 12 किस्में पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों द्वारा विकसित की गई हैं। इसमें पांच धान की, दो गेहूं की, दो मक्के की, एक सरसों की, एक अरहर और एक बेबी कार्न की किस्म शामिल है। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. एके सिंह सहित अनेक विज्ञानी व किसान उपस्थित थे।

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समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से देख रहे विज्ञानियों व किसानों को तब बड़ी खुशी हुई, जब सभी के बीच सभागार में मौजूद संस्थान से जुड़े किसान कुलवंत सिंह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संवाद करने का मौका मिला। कुलवंत सिंह ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे पूसा संस्थान के साथ धान की उन्नत किस्मों के बीज उत्पादन से जुड़े हुए हैं। इससे अच्छी आमदनी होने के साथ-साथ कई किसानों को भी फायदा पहुंच रहा है। किसानों को अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

उन्होंने पूसा संस्थान द्वारा विकसित उच्च गुणवता वाली सरसों की किस्म पूसा सरसों- 30 और पूसा सरसों- 31 के उत्पादन का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सरसों से तेल निकालकर वे खेत से बाजार तक की एक श्रृंखला विकसित कर चुके हैं। ब कई अन्य किसान भी इसमें शामिल होने को इच्छुक हैं। संस्थान के निदेशक डा. एके सिंह ने कुलवंत सिंह को इसके लिए बधाई दी। डा. एके सिंह ने बताया कि पूसा संस्थान देश की कृषि के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। विज्ञानी अब ऐसी किस्मों के विकास पर जोर दे रहे हैं जो न सिर्फ पोषकता से भरपूर हों, बल्कि बदल रही जलवायु के प्रति भी सहनशील हों। इसके अलावा विज्ञानी इस बात का भी ख्याल रख रहे हैं कि हम ऐसी किस्मों का विकास करें, जिसमें देखभाल की कम जरूरत हो ताकि लागत को कम किया जा सके। अच्छी बात यह है कि हमलोग अपने प्रयासों में सफल भी हो रहे हैं।

कुलवंत के अनुभव का 200 किसानों को मिल रहा लाभ: कुलवंत सिंह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला स्थित जलालपुर करीरा गांव के रहने वाले हैं। पूसा संस्थान से इन्होंने उन्नत बीज उत्पादन का प्रशिक्षण लिया है। ये बीज उत्पादक किसानों के समूह से जुड़े हैं। इन्होंने बीज इंडिया प्रोड्यूसर कंपनी की भी स्थापना की है। इनके गांव के आसपास स्थित 20 गांवों के करीब 200 किसान इनके अनुभव से आज अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। कुलवंत सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री से बात कर काफी अच्छा लगा। आगे काम करने के लिए प्रोत्साहन मिला है। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री से बात करने का भी मौका मिलेगा।


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