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जानिए- कैसे JP के हजारों निवेशों को बचाने आगे आया JP, पढ़िए- पूरी खबर

जेपी एसोसिएट्स के ब्लू प्रिंट में होम बायर्स से अपने पक्ष में वोट डालने व फिर से भरोसा करने की अपील की गई है। बैठक में मौजूद 80 प्रतिशत होम बायर्स इस दावे के विरोध में दिखे।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 12:58 PM (IST)
जानिए- कैसे JP के हजारों निवेशों को बचाने आगे आया JP, पढ़िए- पूरी खबर
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नोएडा, जेएनएन। जेपी इंफ्राटेक को बचाने के लिए जेपी एसोसिएट जोर आजमाइश करने में जुट गया है। बायर्स को पक्ष में करने के लिए शुक्रवार को एक मैराथन बैठक सेक्टर-62 स्थित जेपी बिजनेस इंस्टीट्यूट में हुई। इसमें जेपी एसोसिएट ने जेपी इंफ्राटेक की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का एक ब्लू प्रिंट तैयार होने के दावा प्रस्तुत किया। वहीं, जेपी एसोसिएट्स के चेयरमैन मनोज गौड़ ने इंस्टीट्यूट के बाहर धरने पर बैठे निवेशकों से हाथ जोड़कर माफी मांगी।

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जेपी एसोसिएट्स के इस ब्लू प्रिंट में होम बायर्स से अपने पक्ष में वोट डालने व फिर से भरोसा करने की अपील की गई है। बैठक में मौजूद 80 प्रतिशत होम बायर्स इस दावे के विरोध में दिखे। होम बायर्स का एक खेमा एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर बैठ गया। बायर्स ने आरोप लगाया कि अधिग्रहण होने से चार दिन पहले जेपी एसोसिएट फिर से उनके साथ आश्वासन का खेल कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। दरअसल एनबीसीसी 25 अप्रैल तक कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण और आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संशोधित बोली प्रस्तुत कर सकती है।

सूत्रों का कहना है कि जेपी इंफ्राटेक के ऋणदाताओं ने मंगलवार को यहां बैठक की और एनबीसीसी को 25 अप्रैल तक अपनी योजना प्रस्तुत करने को कहा। एनबीसीसी और सुरक्षा समूह जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण करने की दौड़ में है। इसके अलावा जेपी समूह के प्रमोटर्स ने उधारदाताओं के ऋण और पूर्ण परियोजनाओं को निपटाने के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की पेशकश की है, लेकिन इस पर विचार नहीं किया जा रहा है।

लिहाजा शुक्रवार को होम बायर्स का समर्थन लेने के लिए जेपी एसोसिएट ने बैठक की। इस मौके पर मालिक मनोज गौड़ के साथ जय प्रकाश गौड़ भी मौजूद रहे। बैठक में जेपी के एडवाइजर व कंपनी प्रवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि उनके पास ऐसा प्लान व ब्लू ¨पट्र है, जिसकी बदौलत वह होम बायर्स से जुड़ी परियोजनाओं को साढ़े तीन साल में पूरा कर सकते हैं। इसके लिए एक एस्क्रो खाता खुलवाया जाएगा। जिसमें 1500 करोड़ रुपये जमा कराए जाएंगे। ये रकम सिर्फ अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए खर्च की जाएगी। इसके अलावा 100 एकड़ लैंड रिजर्व रखी जाएगी।

होम-बायर्स ने किया जमकर हंगामा

सेक्टर-62 स्थित जेपी बिजनेस इंस्टीट्यूट में होम बायर्स और जेपी के मालिकान के बीच मंत्रणा शुरू हुई। होम बायर्स ने सवाल रखे, लेकिन सिर्फ आश्वासन दिया गया। बायर्स ने हंगामा किया। इस दौरान बाउंसरों ने एक महिला बायर्स के साथ बदसलूकी भी की। हाथापाई की नौबत तक आ गई। जेपी ने पुनरुद्धार योजना के अनुमोदन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने इससे पहले कंपनी को उन घर खरीदारों को भुगतान के लिए कोर्ट में रकम जमा करने को कहा था, जिन्होंने घर की आस छोड़ रकम ही वापस मांग ली थी। कंपनी ने इस मद में सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में 100 करोड़ रुपये भी जमा कराया था।


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