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दिल्‍ली सरकार के फरवरी में पूरे होंगे 5 साल, विधानसभा चुनाव की तैयारियों में AAP

14 मई 2015 को दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। फरवरी 2020 में दिल्‍ली सरकार के पांच साल पूरे हो जाएंगे। यानि यहां विकास कार्य के लिए सरकार के पास अब केवल छह माह बचे हैं।

By Edited By: Published: Thu, 16 May 2019 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 11:17 AM (IST)
दिल्‍ली सरकार के फरवरी में पूरे होंगे 5 साल, विधानसभा चुनाव की तैयारियों में AAP
दिल्‍ली सरकार के फरवरी में पूरे होंगे 5 साल, विधानसभा चुनाव की तैयारियों में AAP

नई दिल्ली, वीके शुक्ला। 23 मई को मतगणना के बाद लोकसभा चुनाव का परिणाम स्‍पष्‍ट हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली की आबोहवा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू हो जाएंगी। इसके लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने तो तैयारियां भी शुरू कर दी है। बता दें कि दिल्‍ली के सातों लोकसभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान हो चुका है। भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (AAP) सातों सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। दूसरे दलों की तरह AAP का भी दावा है कि उनके प्रत्याशी सभी सीटों पर जीत रहे हैं।

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बहरहाल जो भी हो 23 मई को मतगणना के समय इस बात से परदा उठ जाएगा। मगर लोकसभा चुनाव के साथ ही AAP ने अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तरफ सोचना शुरू कर दिया है। AAP के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भी हमने खाका तैयार कर लिया है। इस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व गोपाल राय पंजाब में हैं। संभवत: 17 मई को दिल्ली लौटेंगे। उन्होंने कहा कि अभी विधानसभा चुनाव को लेकर कोई रणनीतिक चर्चा नहीं हुई है। मगर लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो जाएगी,क्योंकि विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत कम समय बचा है।

पिछली बार दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 7 फरवरी 2015 को मतदान हुआ था। 10 फरवरी को मतगणना हुई थी और 14 मई को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई थी। उस चुनाव में आप ने 70 में से 67 चुनाव जीती थीं। फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार के पांच साल पूरे हो जाएंगे। यानी फरवरी में चुनाव होना प्रस्तावित है। इस हिसाब से 15 दिसंबर के बाद दिल्ली में आचार संहिता लग जाएगी। इसे माने तो दिल्ली में विकास कार्य कराने के लिए अब सरकार के पास केवल छह माह ही शेष हैं।

दिल्ली सरकार के कामकाज का आकलन करें तो अधिकारों को लेकर उपराज्यपाल के साथ चल रहे विवाद में अब ऐसा संभव नहीं दिख पा रहा है कि सरकार कोई नई योजना लाए और उस पर काम भी शुरू हो सके। मगर सरकार के पास तमाम ऐसी योजनाएं हैं जो अस्तित्व में हैं। सरकार का जोर इन्हें ही अमल में लाने पर होगा।

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