98 साल के बुजुर्ग को दुष्कर्म के आरोप में मिली जमानत, भूलने की है बीमारी
बेटे की ओर से दायर याचिका के अनुसार मंजूर हसन की उम्र 98 साल है और वह एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में उसके स्वास्थ्य को देखते हुए उसे जमानत दी जाए।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। 95 साल की उम्र में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में गत तीन वर्षों में तिहाड़ जेल में बंद आरोपी बुजुर्ग मंजूर हसन के स्वास्थ्य को देखते हुए हाई कोर्ट ने मानवीय आधार पर जमानत दे दी। मामला जनवरी 2015 में बदरपुर थाने में दर्ज हुआ था। फैसले में न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि याचिकाकर्ता के स्वास्थ्य को देखते हुए उसकी जमानत स्वीकार की जाती है।
25 हजार के निजी मुचलके पर मिली जमानत
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता सेनल डेमेंसिया (वृद्धावस्था का मनोभ्रंश) नामक बीमारी से जूझ रहा है। ऐसे में संभावना नहीं है कि वह भाग सके, सबूतों से छेड़छाड़ कर सके या अदालत की प्रक्रिया को प्रभावित कर सके। सभी पहलुओं को देखते हुए याचिकाकर्ता को 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी जाती है। पीठ ने साथ ही याचिकाकर्ता को चेतावनी दी कि वह ऐसा कुछ नहीं करे जो कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ हो।
बेटे की ओर से दायर की गई याचिका
बेटे की ओर से दायर याचिका के अनुसार मंजूर हसन की उम्र 98 साल है और वह एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में उसके स्वास्थ्य को देखते हुए उसे जमानत दी जाए। इस पर पीठ ने मामले में तिहाड़ जेल अधीक्षक से रिपोर्ट पेश करने को कहा।
भूलने की बीमारी
जेल अधीक्षक ने 2 जून 2018 और 12 जुलाई 2018 को अलग-अलग रिपोर्ट अदालत में पेश की। रिपोर्ट के तहत याचिकाकर्ता की मनोवैज्ञानिक जांच कराई गई। जिसमें सामने आया कि याचिकाकर्ता को भूलने की बीमारी है। याचिकाकर्ता की बेटी ने कहा कि वह पिता का देखभाल करेगी।