बुराड़ी फांसीकांडः CCTV से हुआ खुलासा, एक स्टूल का जुगाड़ खुद ललित ने किया था
सीसीटीवी में ललित अपनी प्लाइवुड की दुकान से एक स्टूल को लेकर घर के अंदर प्रवेश करते हुए नजर आ रहा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बुराड़ी इलाके के संत नगर में भाटिया परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले की जांच में अब एक नया तथ्य सामने आया है। पहले यह बात सामने आई थी कि घटना की रात ही वारदात में प्रयुक्त प्लास्टिक के चार स्टूल खरीदे गए थे, जबकि कुल छह स्टूल खरीदे गए थे। वहीं,7वें स्टूल को मकान के भूतल स्थित दुकान से ऊपर कमरे में ले जाया गया था। इस मामले में पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कुल नौ स्टूल बरामद किए हैं। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को यह अहम सुराग सीसटीवी कैमरे की फुटेज को देखने के बाद मिला है।
सबसे पहले घटना से दो दिन पूर्व यानी 28 जून को संत नगर मार्केट स्थित फर्नीचर की दुकान से प्लास्टिक के चार स्टूल की खरीदारी की गई थी। यह खरीदारी ललित की पत्नी टीना व उनके बेटे शिवम ने मिलकर की थी। उस रात 7.45 बजे दोनों को चार स्टूल लेकर अपने घर में प्रवेश करते हुए सीसीटीवी में देखा जा रहा है।
इसके दो दिनों के बाद 30 जून की रात दस बजे भुवनेश की पत्नी सविता व उनकी बड़ी बेटी नीतू को दो स्टूल लेकर घर के अंदर जाते हुए देखा जा रहा है। जांच के क्रम में पता चला कि अलग अलग फर्नीचर दुकानों से स्टूल खरीदे गए थे। शायद एक दुकान से इसलिए स्टूल नहीं खरीदे गए ताकि दुकानदार इतने स्टूल खरीदने पर शक न कर बैठे या फिर कोई सवाल न पूछ बैठे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की तस्दीक के लिए दोनों फर्नीचार दुकानदारों से पूछताछ की भी है। दुकानदारों ने स्टूल खरीदने की बात की पुष्टि भी कर दी है।
इसके साथ ही 30 जून की की शाम सवा सात बजे ललित अपनी प्लाइवुड की दुकान से एक स्टूल को लेकर घर के अंदर प्रवेश करते हुए नजर आ रहा है। पुलिस का कहना है कि इस तरह से उन्होंने सात स्टूल जुटाए थे और दो स्टूल पहले से ही उनके घर में पड़े होंगे।
इसके पूर्व 30 जून को ही प्रियंका व उसकी मां प्रतिभा को दोपहर चादर के कटे हुए टुकड़े को लेकर घर के अंदर जाते हुए देखा गया है। चादर को संत नगर के मार्केट के एक दर्जी से कटवाया गया है। सफेद रंग के चादर के इन टुकड़ों का इस्तेमाल भी वारदात में किया गया है।
घटना से छह सात दिन पूर्व ही मार्केट से दस चुन्नियां खरीदी गई थीं। घटना के दिन पुलिस ने मौके से इन सामानों के अलावा टेलीफोन के तार, टेप के बंडल, कई रूमाल, प्लास्टिक की रस्सियां भी मिली थीं। इन सभी सामानों का इस्तेमाल फंदा लगाने से लेकर मुंह, हाथ आदि बांधने के लिए किए गए थे।
यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।
बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।
रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।