Delhi की जेलों में बढ़ रही बुजुर्ग कैदियों की संख्या, सबसे ज्यादा हत्या के आरोप में बंद
दिल्ली की जेलों में बुजुर्ग कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंता की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग कैदी हत्या के आरोप में बंद हैं। हत्या के बाद जिस दूसरे आरोप में बुजुर्ग कैदी बंद हैं इसमें धोखाधड़ी का स्थान आता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: दिल्ली की जेलों में बुजुर्ग कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंता की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग कैदी हत्या के आरोप में बंद हैं। हत्या के बाद जिस दूसरे आरोप में बुजुर्ग कैदी बंद हैं, इसमें धोखाधड़ी का स्थान आता है। वहीं, आरोपों में तीसरे स्थान पर मादक तस्करी में लिप्तता का है। जेल सूत्रों की मानें तो बढ़ रही कैदियों की संख्या व तापमान में हुई कटौती के मद्देनजर अब प्रशासन को इनके लिए अलग से इंतजाम करना पड़ रहा है।
19 प्रतिशत पर हत्या का आरोप
जेल प्रशासन के अनुसार कुल बुजुर्ग कैदियों में 19 प्रतिशत कैदी ऐसे हैं जो हत्या के आरोप में बंद हैं। 16 प्रतिशत बुजुर्ग कैदियों पर धोखाधड़ी का आरोप है। 12 प्रतिशत बुजुर्ग कैदियों पर मादक पदार्थ तस्करी का आरोप है। चेक बाउंसिंग के मामले में 10 प्रतिशत बुजुर्ग बंद है। दहेज व दुष्कर्म के मामले में पांच-पांच प्रतिशत बुजुर्ग कैदी हैं। चोरी का आरोप 5 प्रतिशत बुजुर्ग कैदी पर है। पॉक्सो के मामले में तीन प्रतिशत बुजुर्ग कैदी आरोपित हैं। इसके अलावा धन शोधन निवारण में तीन, शराब तस्करी में दो प्रतिशत बुजुर्ग कैदी बंद हैं। अन्य मामलों की बात करें तो इसमें 16 प्रतिशत बुजुर्ग कैदी बंद हैं।
सबसे बुजुर्ग कैदी की उम्र 89 वर्ष
दिल्ली की सभी 16 जेलों की बात करें तो इनमें कुल 341 कैदी ऐसे हैं जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है। बुजुर्ग कैदियों में सबसे अधिक उम्र वाले कैदी की आयु 89 वर्ष है। इस पर चेक बाउंस होने का आरोप है। वहीं महिला बुजुर्ग कैदियों में सर्वाधिक की आयु 85 वर्ष है। इस पर बिजली चोरी व शराब तस्करी का आरोप है।
देखभाल चुनौती: जेल के जनसंपर्क अधिकारी धीरज माथुर बताते हैं कि बुजुर्ग कैदियों के मामले में जेल प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ती है। उम्र के साथ बुजुर्ग कैदी अपनी देखभाल स्वयं अपने बूते नहीं कर सकते। ऐसे कैदियों के लिए जेल प्रशासन को अलग से इंतजाम करना पड़ रहा है। जो शारीरिक रूप से अपनी देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं, उनके साथ कुछ युवा कैदियों को भी बुजुर्ग वार्ड में रखा जा रहा है ताकि वे दैनिक कार्यों में बुजुर्ग कैदियों की मदद कर सकें। इनके खानपान के लिए चिकित्सीय सलाह के अनुसार इंतजाम किए जा रहे हैं। चिकित्सक समय समय पर स्वयं इन कैदियों के वार्ड में आते हैं और इनकी जांच करते हैं। जेल प्रशासन बुजुर्गों को दवाइयां भी उपलब्ध कराता है।
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