नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में दिल्लीवासियों की योग सिखाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए दिल्ली सरकार ने बीते वर्ष योग दिवस पर स्कूलों में योग कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की थी।
मकसद योगा को बढ़ावा देने का था, लेकिन राजधानी के सरकारी स्कूलों में पहले से ही योग शिक्षकों के लिए सृजित 498 पदों में से 496 पद खाली हैं। केवल दो पद भरे हैं, जिसमें योग शिक्षक पढ़ा रहे हैं। ये शिक्षक भी कुछ सालों में सेवानिवृत हो जाएंगे, जो पद खाली हैं उन पदों पर जो शिक्षक कार्यरत थे, वे तीन से चार वर्ष पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
उनकी सेवानिवृत्ति के बाद से ये पद खाली हैं और इन पदों पर आज तक किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई। बीते तीन-चार वर्षों से ये पद खाली हैं। ऐसे में स्कूलों में छात्र योग विषय नहीं पढ़ पा रहे हैं और इस विषय की कक्षाएं भी नहीं लग रही हैं।
किसी विषय में अगर छात्र आगे चलकर अपना करियर बनाना चाहता है तो उसकी बुनियाद स्कूलों में तैयार होती है। स्कूल उस विषय की नींव तैयार करने का कार्य करता है। योग शिक्षकों के खाली पदों का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। वहीं, विभिन्न विषयों के शिक्षकों के लिए सृजित 53,933 पदों में से 16 हजार पद खाली हैं।
राष्ट्रीय अभिभावक संघ के अध्यक्ष और अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि राजधानी के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 16 हजार से अधिक पद खाली इस बात का सबूत है कि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता से कितना खिलवाड़ हो रहा है। पूर्वी दिल्ली के अधिकतर स्कूलों में अतिथि शिक्षकों ही छात्रों को पढ़ा रहे हैं। नियमित शिक्षकों के जो पद खाली हैं उन पर भर्ती ही नहीं हो रही है। दिल्ली सरकार स्कूलों में छात्रों को योग सिखानेे का बढ़ावा दे रही है, लेकिन अभी तक स्कूलों में छात्रों को योग शिक्षक नहीं मिले हैं।
शिक्षकों के 8 हजार नए पद सृजित करेगा शिक्षा निदेशालय
शिक्षा निदेशालय आठ हजार नए पद करेगा सृजित शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योग शिक्षकों के कोई भी पद नहीं भरे जाएंगे।
इन पदों को तीन साल पहले ही डेड कैडर मान लिया गया था। इस पद पर कार्यरत ज्यादातर शिक्षक सेवानिवृत हो चुके हैं। केवल दो ही शेष है। उनकी भी सेवानिवृत होने पर योग शिक्षकों के 498 पदों पर अन्य विषयों के शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
शिक्षा निदेशालय शिक्षकों के आठ हजार नए पद सृजित करेगा। चूंकि बीते कई कुछ सालों में स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ी है साथ ही कई स्कूलों में विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय शुरू करा गया है। ऐसे में छात्र-शिक्षक अनुपात को देखते हुए नए पद सृजित होंगे।