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UP: बिना रजिस्ट्री दिया पजेशन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 30 बिल्डरों पर लगेगा गैंगस्टर एक्ट

बिना रजिस्ट्री कराए कब्जा देने वाले इन सभी बिल्डरों पर पिछले वर्ष फरवरी-नवंबर में एफआईआर कराई गई थी, लेकिन नियम तोड़ने पर अब सख्त रुख अपनाया गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 07:20 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 11:20 AM (IST)
UP: बिना रजिस्ट्री दिया पजेशन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 30 बिल्डरों पर लगेगा गैंगस्टर एक्ट
UP: बिना रजिस्ट्री दिया पजेशन, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 30 बिल्डरों पर लगेगा गैंगस्टर एक्ट

नोएडा [कुंदन तिवारी]। बिना रजिस्ट्री कराए निवेशकों को कब्जा देने वाले बिल्डरों की मुसीबत बढ़ने जा रही है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा के ऐसे 30 बिल्डरों पर गैंगस्टर के तहत दर्ज होगा मुकदमा, जिन्होंने बिना रजिस्ट्री की प्रक्रिया बिना ही फ्लैट खरीदारों को कब्जा दे दिया। इसके बाद बिल्डर बाकायदा मेंनटेंन भी ले रहे हैं।

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अब बिना रजिस्ट्री 23 हजार 362 खरीदारों को फ्लैट और दुकान पर कब्जा देने वाले 30 बिल्डरों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में निबंधन विभाग ने बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है। जिला प्रशासन की ओर से बार-बार चेतावनी देने और एफआइआर कराने के बाद भी बिल्डर रजिस्ट्री कराने को लेकर गंभीर नहीं हो रहे थे। इससे प्रदेश सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा था। प्रशासन की सख्ती के बाद भी पिछले एक वर्ष में महज 621 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई गई।

जिला प्रशासन ने 51 हजार फ्लैट खरीदारों को वैध तरीके से कागजी दस्तावेज के आधार पर आशियाना उपलब्ध कराने की हर कोशिश की, लेकिन बिल्डरों ने नाकाम कर दिया। ऐसे में अब जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बिल्डरों पर नकेल कसने के लिए आइपीसी की धारा के तहत गैंगस्टर की कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है।

इसके लिए निबंधन विभाग को निर्देश दिया है कि वह 15 दिन में उस सूची को उपलब्ध कराए जिसमें पिछले वर्ष फरवरी से नवंबर में जिलाधिकारी के निर्देश पर 30 बिल्डरों के खिलाफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। इस कार्रवाई के बाद कितने बिल्डरों ने फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री निबंधन विभाग में कराई है, इसकी सूची मिलते ही गैंगस्टर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

उधर, जिलाधिकारी के निर्देश मिलते ही निबंधन विभाग नोएडा के एआइजी स्टांप एसके सिंह ने 30 बिल्डरों की प्रगति रिपोर्ट देर शाम जिलाधिकारी को जारी कर दी है। इसमें एफआइआर के बाद महज 621 फ्लैट की रजिस्ट्री ही बिल्डरों की ओर से कराई जाने की जानकारी दी गई।

आरोप है कि बिना रजिस्ट्री कराए कब्जा देने वाले इन सभी 30 बिल्डरों के खिलाफ पिछले वर्ष फरवरी-नवंबर में एफआईआर कराई गई थी, लेकिन नियम तोड़ने पर अब सख्त रुख अपनाया गया है। सभी 30 बिल्डरों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और फिर नियमानुसार गिरफ्तारी भी होगी।

प्रशासन के समक्ष ऐसे भी मामले सामने आ रहे थे, जिसमें जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद बिल्डर रजिस्ट्री कराने की सुध नहीं ले रहे थे और बार-बार बहाना बना रहे थे। 

जिलाधिकारी ने निबंधन विभाग से इस बाबत रिपोर्ट तलब की है, जिसे 15 दिन में देने के लिए कहा गया था। वहीं, एक दिन में ही निबंधन विभाग ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी। इस रिपोर्ट मे एफआइआर के बाद सिर्फ 621 रजिस्ट्री की बात सामने आई है। 

बिना रजिस्ट्री कराए ही 51 हजार निवेशकों को दे दिया कब्जा

यहां पर बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 51000 प्लैट मालिकों को बिल्डर्स बिना रजिस्ट्री कराए कब्जा (पजेशन) दे चुके हैं। इन सभी फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं होने से तीनों प्राधिकरण के करीब 22 हजार करोड़ रुपये फंसे हुए हैं, जिन्हें बिल्डरों से वसूला जाना है।  इसमें नोएडा प्राधिकरण के करीब 11 हजार करोड़, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सात हजार करोड़ और यमुना प्राधिकरण के साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये शामिल हैं।

यहां पर बता दें कि पिछले साल दिसंबर में जिला प्रशासन ने 51 हजार खरीदारों को एग्रीमेंट टू सबलीज का तोहफा दे दिया है। इसमें नोएडा प्राधिकरण की ओर से बिना अधिभोग प्रमाणपत्र (ओसी) लिए फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के लिए एग्रीमेंट-टू सबलीज के तहत रजिस्ट्री होगी। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बिल्डर प्रतिनिधि और निबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद खुद यह जानकारी दी थी। इससे करीब 51,808 उन फ्लैट खरीदारों को फायदा होगा, जो बिना रजिस्ट्री कराए दर्जनों सोसायटियों में रह रहे हैं। हालांकि, प्राधिकरण की ओर से सबलीज के बिना वे अपने फ्लैट बेच नहीं सकेंगे।

जिलाधिकारी के इस निर्देश के बाद अगले फरवरी-मार्च में इन फ्लैटों की रजिस्ट्री होगी, जिससे निबंधन विभाग को करीब 1323.69 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी के रूप में मिलेंगे। हालांकि, इन फ्लैट खरीदारों को प्राधिकरण की ओर से बिल्डरों को अधिभोग प्रमाणपत्र मिलने के बाद 50 रुपये के स्टांप शुल्क पर सबलीज कराना होगा।

पांच फीसद स्टांप ड्यूटी देकर एग्रीमेंट टू सबलीज के तहत रजिस्ट्री होगी। इस सबलीज का 50 रुपये के स्टांप पर ट्राई पार्टी एग्रीमेंट रजिस्टर कर लिया जाएगा। भारतीय स्टांप अधिनियम के अनुच्छेद 35 में एग्रीमेंट टू सबलीज का प्रावधान है।

आधा अधूरा मिलेगा मालिकाना हक
फ्लैट खरीदार को प्रशासन के एग्रीमेंट टू लीज फैसले से फ्लैट या मकान पर मालिकाना हक का एक कागज उपलब्ध हो जाएगा, लेकिन वह फ्लैट बेच नहीं सकता है, क्योंकि उसको पहले सबलीज कराने के लिए प्राधिकरण से एनओसी की आवश्यकता पड़ेगी। उस समय बिल्डर को बकाया राशि प्राधिकरण में जमा करानी पड़ेगी। इसके बाद इस सबलीज का 50 रुपये के स्टांप पर ट्राई पार्टी एग्रीमेंट रजिस्टर किया जाएगा। यदि बिल्डर रकम नहीं जमा कराता है तो निश्चित ही खरीदारों को बड़ी दिक्कत भी होने वाली है।

कम्प्लीशन लेने के बाद बिल्डरों के प्रोजेक्ट में फ्लैटों की रजिस्ट्री बाकी
सत्ता परिवर्तन के बाद नोएडा प्राधिकरण द्वारा 20,600 से ज्यादा फ्लैटों के लिए कम्प्लीशन सार्टिफिकेट (अधिभोग प्रमाणपत्र) जारी किया गया। जिन बिल्डरों के फ्लैटों का अधिभोग जारी किया है। उन बिल्डरों का भी हजारों करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें से भी बिल्डरों ने करीब 11 हजार खरीदारों की रजिस्ट्री कराई है, क्योंकि रजिस्ट्री कराने में बिल्डर को बकाया रकम चुकानी थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे खरीदारों को जब रजिस्ट्री के दौरान त्रिपक्षीय सब लीज होगी, उस दौरान बिल्डर प्राधिकरण का बकाया देगा।

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