2जी स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाई टली, 7 नवंबर को तय हो सकती है फैसले की तारीख
सीबीआइ का कहना था कि 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े 122 लाइसेंस गलत तरीके से आवंटित किए गए जिसके कारण केंंद्र सरकार को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
नई दिल्ली [जेएनएन]। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से जुड़े तीनों मामलों की सुनवाई 7 नवंबर तक के लिए टाल दी है। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी अगली सुनवाई पर मामले में फैसले की तिथि तय कर सकते हैं।
कोर्ट ने यूनिटेक कंपनी के एमडी संजय चंद्रा, बॉलीवुड प्रोड्यूसर करीम मोरानी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। चंद्रा जहां रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के खिलाफ कई धोखाधड़ी के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं तो मोरानी बलात्कार मामले में हैदराबाद की जेल में है।
एक मामला प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ा है
कोर्ट में पेश तीन मामले में दो सीबीआइ से जुड़े हैं, जबकि एक मामला प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ा है। तीनों मामलों में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा के अलावा डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि, उनकी पत्नी दयालु अम्मा, बेटी कनिमोझी, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक कंपनी के एमडी संजय चंद्रा, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा आदि आरोपी हैं।
केंंद्र सरकार को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान
इन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से लेकर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी व मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सीबीआइ का कहना था कि 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े 122 लाइसेंस गलत तरीके से आवंटित किए गए जिसके कारण केंंद्र सरकार को 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2012 में सभी लाइसेंस रद कर दिए थे।
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