टूजी मामले में सीबीआइ के लिए एसपीपी-एएसजी की नियुक्ति को हाई कोर्ट ने रखा बरकरार
बलवा ने दलील दी थी कि सीबीआइ ने सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत अनिवार्य प्राधिकार को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया। बलवा ने अधिवक्ता संजीव भंडारी के हस्ताक्षर के तहत एसपीपी की मुहर के साथ अपील दायर करने को भी चुनौती दी थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में आरोपितों को बरी करने के खिलाफ केंदीय जांच एजेंसी की तरफ से अपील दायर करने और पैरवी करने के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति ब्रजेश सेठी की पीठ ने कहा कि संजय भंडारी को अपील दायर करने व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को पैरवी करने का फैसला न्यायसंगत है।
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 12 मार्च 2018 के एक आदेश का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर की जगह सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि टूजी मामले में एसपीपी को विशेष न्यायाधीश के समक्ष परीक्षण आयोजित करने के उद्देश्य से नियुक्त किया गया था और केंद्र सरकार किसी को भी पोस्ट ट्रायल नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है। सोमवार को दिए गया यह आदेश मंगलवार को उपलब्ध था। पीठ ने यह आदेश कुसेगाँव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा द्वारा दी गई याचिका पर दिया।
बलवा ने दलील दी थी कि सीबीआइ ने सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत अनिवार्य प्राधिकार को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया। बलवा ने अधिवक्ता संजीव भंडारी के हस्ताक्षर के तहत एसपीपी की मुहर के साथ अपील दायर करने को भी चुनौती दी थी। टूजी मामलों में विशिष्ट अधिसूचना के माध्यम से एसपीपी नियुक्त किया जाता है। जिसे फरवरी 2018 में अधिसूचना जारी कर बदलते हुए एसपीपी के रूप में तुषार मेहता (अब सॉलिसिटर जनरल) को नियुक्त किया गया था।
बचाव पक्ष की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने कहा कि सीबीआइ ने सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत अनिवार्य तथ्यों को पेश नहीं किया है। अपील याचिका विशेष लोक अभियोजक के स्टांप के साथ अधिवक्ता संजीव भंडारी के माध्यम से दाखिल की गई थी और एसपीपी को टूजी मामले में विशेष अधिसूचना के तहत नियुक्त किया गया है। इस पर एएसजी जैन ने कहा कि अपील दाखिल करने के संबंध में केंद्र सरकार ने आदेश पारित किया था। टूजी घोटाला मामले में पटियाला हाउस की विशेष सीबीआइ अदालत ने सीबीआइ व ईडी द्वारा दर्ज किए गए टूजी घोटाला मामले में 21 दिसंबर 2017 को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा एवं राज्य सभा सदस्य कनिमोई समेत सभी को को बरी कर दिया था। निचली अदालत के आदेश काे सीबीआइ व ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
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