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भ्रष्टाचार के आरोप पर हटाए गए एयरपोर्ट थाने के एसएचओ, एटीओ समेत 27 पुलिसकर्मी

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने एयरपोर्ट थाने के एसएचओ विजेंद्र राणा को तत्काल प्रभाव से थाने से हटाकर पांचवीं बटालियन व एटीओ राज कुमार यादव को तीसरी बटालियन में भेज दिया है। विभाग में यह सजा के तौर नियुक्ति मानी जाती है। इसके अलावा जुगाड़बाजी लगा एयरपोर्ट थाने में करीब चार साल से अधिक समय से जमे कम से कम 25 कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 03 Aug 2024 05:40 PM (IST)
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दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सभी पुलिसकर्मियों का किया ट्रांसफर।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतों और सीबीआई के दिल्ली के थानों पर छापों के बाद पुलिस कर्मियों पर आला अधिकारियों की गाज गिरी है। आइजीआई एयरपोर्ट पर पुलिसकर्मियों द्वारा अव्यवस्था फैलाने व अवैध गतिविधियां में लिप्त होने की शिकायत मिलने पर डीसीपी की सिफारिश पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सख्त कदम उठाते हुए एयरपोर्ट थाने के एसएचओ विजेंद्र राणा को तत्काल प्रभाव से थाने से हटाकर पांचवीं बटालियन व एटीओ राज कुमार यादव को तीसरी बटालियन में भेज दिया है।

विभाग में यह सजा के तौर नियुक्ति मानी जाती है। इसके अलावा जुगाड़बाजी लगा एयरपोर्ट थाने में करीब चार साल से अधिक समय से जमे 25 एएसआई व हवलदार को भी वहां से तत्काल प्रभाव से हटा कर उन्हें अलग-अलग जिले व यूनिटों में भेजा गया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब भ्रष्टाचार की शिकायत पर इतने बड़े पैमाने पर किसी सबसे महत्वपूर्ण थाने के करीब 60 प्रतिशत कर्मियों को बदलना पड़ा।   

छह माह पहले ही एसएचओ लगाया गया

इंस्पेक्टर विजेंद्र राणा को छह माह पहले ही एसएचओ लगाया गया था। एटीओ राज कुमार यादव पहले एयरपोर्ट थाने में सब इंस्पेक्टर थे। उन्हें वहां एरोसिटी में चलने वाली गतिविधियों से लेकर तमाम चीजों के बारे में गहरी जानकारी है। पदोन्नति पाने के बावजूद जुगाड़बाजी से वह उसी थाने के एटीओ बन गया। स्थिति बिगड़ने पर किसी ने पुलिस आयुक्त को शिकायत पर एयरपोर्ट पर चलने वाले सभी तरह के खेल की पोल खोल दी।

आयुक्त ने विजिलेंस से शिकायत की जांच कराई। विजिलेंस ने जांच कर मुख्यालय को रिपोर्ट सौंप दी। जिसके बाद एटीओ राज कुमार यादव को 29 जुलाई को तीसरी बटालियन में भेज दिया गया। एसएचओ के आयुक्त के समक्ष पेश होने के बाद उन्हें 31 जुलाई को पांचवीं बटालियन में भेज दिया गया।

तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने उन्हें एयरपोर्ट का डीसीपी बना दिया

आइजीआई एयरपोर्ट दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण व संवेदनशील थाना होने के चलते वहां बेहतर अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाती है। लेकिन, बीते कुछ सालों से देखा जा रहा है कि वहां डीसीपी रैंक की तैनाती में भी प्रयोग किया जाता रहा है। कुछ साल पहले तो एक दानिप्स एसीपी को पदोन्नत कर एडिशनल डीसीपी बनाने के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने उन्हें एयरपोर्ट का डीसीपी बना दिया था। इसको लेकर बात जब गृह मंत्रालय तक पहुंची तब उन्हें हटा भी दिया गया। बाद में एक ऐसे डीसीपी की जुगाड़ से तैनाती हुई जिन्होंने कबूतरबाजी व अन्य कई बड़े मामले में जांच अधिकारियों को आरोपितों को गिरफ्तार ही नहीं करने दिया।

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