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विदेशी शातिरों की ठगी की कहानी आपको कर देगी हैरान, पुसिस ने किया सनसनीखेज खुलासा

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अधिकारी नृपेंद्र कश्यप ने कंपनी के उपभोक्ताओं से ठगी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी।

By Edited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 01:19 PM (IST)
विदेशी शातिरों की ठगी की कहानी आपको कर देगी हैरान, पुसिस ने किया सनसनीखेज खुलासा
विदेशी शातिरों की ठगी की कहानी आपको कर देगी हैरान, पुसिस ने किया सनसनीखेज खुलासा

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने वायरस भेजकर माइक्रोसॉफ्ट विंडो यूजर से ठगी करने वाले 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। ठगी के शिकार ज्यादातर विदेशी हैं। दिल्ली में स्थित 10 अलग-अलग फर्जी कॉलसेटरों के जरिये ठगी को अंजाम दिया जा रहा था। ठग पॉपअप मैसेज, कोल्ड कॉलिंग, इंटरनेट सर्च इंजन विज्ञापन के जरिये लोगों को शिकार बनाते थे। लोगों के कंप्यूटर में वायरस भेजकर ठीक करने के नाम पर 100 से 500 अमेरिकी डॉलर अपने खाते में स्थानांतरित करवा लेते थे। लोगों को झांसे में लेने के लिए वे खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का कर्मचारी बताते थे।

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साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त अनयेश राय ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अधिकारी नृपेंद्र कश्यप ने कंपनी के उपभोक्ताओं से ठगी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि फर्जी कॉलसेटर के जरिये ठग माइक्रोसॉफ्ट विंडो उपभोक्ताओं के साथ ठगी कर रहे हैं। साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू की।

जांच में पता चला कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 10 फर्जी कॉलसेटर चल रहे हैं। बुधवार देर रात पुलिस की 10 टीमों ने जनकपुरी, द्वारका, शाहदरा, रोहिणी और महिपालपुर में छापेमारी कर 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें अंकित ठाकुर, रवि शंकर सिंह, मोक्ष पोपली, रजत, अंकुश जैन और पंकज कालरा प्रमुख हैं। यही लोग साइबर ठगी करवाते थे।

पूछताछ में पता चला कि आरोपित पहले प्रमुख कॉलसेटरों में काम कर चुके हैं। वहीं, उन्होंने विंडो सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने वाले अमेरिकी, यूरोपियन और अन्य देशों के लोगों का डाटा एकत्र किया था। बाद में अपना फर्जी कॉलसेटर खोलकर लोगों के कंप्यूटर में मालवेयर (वायरस) भेजकर बताते थे कि उनके कंप्यूटर पर वायरस अटैक हुआ है। लिहाजा, उसे तुरंत ठीक करने की जरूरत है। वे खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का कर्मचारी बताकर पीड़ित की स्वीकृति ले लेते थे।

ऑनलाइन पैसा मिलते ही पीड़ितों का कंप्यूटर रिमोट पर लेकर वायरस को हटा देते थे। गिरोह के सदस्य फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं और हर रात करीब 12 से 15 लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। क्या है मालवेयर मालवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर के लिए खतरनाक है। इसका प्रयोग हैकर्स कंप्यूटर से पर्सनल डाटा चोरी करने में करते हैं।


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