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छावला स्थित ITBP के सुविधा केंद्र से विभिन्‍न स्‍थानों पर भेजे गए इटली 21 नागरिक

दिल्‍ली के छावला स्थित ITBP के सुविधा केंद्र से इटली 21 नागरिकों को विभिन्‍न स्‍थानों पर भेजा गया है। इनके साथ तीन भारतीय भी हैं। इन्‍हें बाहर भेजने के क्‍या कारण पढ़ें रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 07:27 AM (IST)
छावला स्थित ITBP के सुविधा केंद्र से विभिन्‍न स्‍थानों पर भेजे गए इटली 21 नागरिक
छावला स्थित ITBP के सुविधा केंद्र से विभिन्‍न स्‍थानों पर भेजे गए इटली 21 नागरिक

नई दिल्‍ली, एएनआइ। देश में कोरोना वायरस के 29 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। कल कुल 24 लोगों को राजधानी दिल्‍ली के छावला इलाके में स्थित आईटीबीपी (ITBP) के सुविधा केंद्र में रखा गया था। इनमें तीन भारतीय और 21 इटली के नागरिक थे। आइटीबीपी ने बुधवार को अपने आधिकारिक बयान में बताया कि इन सभी लोगों को शाम छोड़ दिया गया है। आइटीबीपी ने इसके पीछे की वजहों का भी खुलासा किया है। आइटीबीपी ने कहा है कि जिन लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है उनका इलाज नामित अस्‍पतालों में कराया जाएगा। बयान में यह भी कहा गया है कि दूसरे संदिग्‍ध मरीजों की विभिन्‍न स्‍थानों पर आइसोलेशन वार्डों में निगरानी रखी जाएगी।  

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समाचार एजेंसी एएनआइ ने आइटीबीपी के बयान के हवाले से बताया था कि जिन 24 लोगों को छावला स्थित सुविधा केंद्र में रखा गया था उनमें से 16 लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्‍ट‍ि हुई है। आइटीबीपी के प्रवक्‍ता विवेक पांडेय ने बताया कि इन 16 लोगों को आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा था। हालांकि, अब समाचार एजेंसी ने ट्वीट कर बताया है कि इन लोगों को सुविधा केंद्र से दूसरी जगह भेजा गया है। फ‍िलहाल, हालात नियंत्रण में हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आइटीबीपी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन कर रही है।

उल्‍लेखनीय है कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में मौतों का आंकड़ा 3000 को पार कर गया है जबकि संक्रमित मरीजों की संख्‍या 90 हजार से अध‍िक हो गई है। भारत में कोरोना के मामले सामने आने के बाद इसे लेकर अब हर स्तर पर सतर्कता बरती जाने लगी है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से लेकर सरकार के लगभग सभी प्रमुख लोगों ने खुद को भीड़-भाड़ वाले ऐसे आयोजनों से दूर रहने का ऐलान किया है। इन नेताओं ने फैसला किया है कि ये होली मिलन समारोह में शामिल नहीं होंगे। सरकार की ओर से इस बारे में एडवाइजरी जारी की गई है। 


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