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2024 तक नए लुक में दिखेगी दिल्ली, कुछ इस तरह तैयार किया गया है नक्शा

राष्ट्रीय राजधानी में जो बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे उनमें उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास भी अब सेंट्रल विस्टा में ही बनेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:17 AM (IST)
2024 तक नए लुक में दिखेगी दिल्ली, कुछ इस तरह तैयार किया गया है नक्शा
2024 तक नए लुक में दिखेगी दिल्ली, कुछ इस तरह तैयार किया गया है नक्शा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सब कुछ यदि तय योजना के मुताबिक हुआ, तो 2024 तक देश की राष्ट्रीय राजधानी एक नए लुक में दिखेगी। इसमें नए संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा का विस्तार भी शामिल है। जिसका एक छोर यमुना नदी के किनारे तक और दूसरा छोर राष्ट्रपति भवन के पीछे प्रस्तावित एक बायो-डायवर्सिटी पार्क तक होगा। जिसमें देश भर के विलुप्त हो रहे सभी पेड़-पौधों को संरक्षित किया जाएगा।

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सांसदों को बैठने के लिए होगी पर्याप्त जगह 

राष्ट्रीय राजधानी के आधुनिकीकरण में जो सबसे खास बात होगी, उसके तहत प्रस्तावित नए संसद भवन में सांसदों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह मिलेगी। मौजूदा समय में प्रत्येक सांसद को बैठने के लिए सिर्फ 40 सेटीमीटर ही जगह मिलती है। अब उनके लिए 60 सेंटीमीटर की जगह होगी। प्रस्तावित लोकसभा को करीब 900 सदस्यों की बैठने की क्षमता के लिए लिहाज से तैयार किया जाएगा। प्रस्तावित संसद में फिलहाल छह प्रवेश द्वार होंगे। मौजूदा संसद में पांच प्रवेश द्वार ही है। कुल मिलाकर नई संसद को कुछ इस थीम पर तैयार किया जाएगा, जहां लोकतंत्र प्रेमियों का श्रद्धा से सिर झूक सके। जैसा कि धार्मिक श्रद्धा रखने वाले मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे में श्रद्धा से झुकाते है।

पीएम और उप राष्ट्रपति के आवास भी होंगे सेंट्रल विस्टा में

इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में जो बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, उनमें उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास भी अब सेंट्रल विस्टा में ही बनेंगे। अब तक देश की दोनों ही प्रमुख और अतिसुरक्षित शख्सियतें इस क्षेत्र से दूर है, जो आम लोगों की आवाजाही वाला क्षेत्र है। इसके तहत प्रधानमंत्री का नया कार्यालय और आवास अब साउथ ब्लाक से नजदीक ही होगा। इसी तरह उपराष्ट्रपति का आवास भी नॉर्थ ब्लाक में सेंट्रल विस्टा के नजदीक होगा।

डॉ बिमल पटेल देख रहे सारा काम

लुटियन दिल्ली को नया रुप देने का यह काम फिलहाल देश के जाने-माने आर्कीटेक्ट डॉ बिमल पटेल को सौंपा गया है। जो मूलत: गुजरात के हैं। मौजूदा समय में काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का निर्माण कार्य उन्हीं की देखरेख में चल रहा है।

गौरतलब है कि मौजूदा संसद भवन करीब 90 साल से ज्यादा हो चुका है। साथ ही इनमें भूकंप और सुरक्षा के दूसरे उतने पुख्ता इंतजाम नहीं है। इस दौरान सेंट्रल विस्टा के आसपास सभी पुरानी बैरेक नुमा भवनों को हटा दिया जाएगा।

राजपथ के दोनों ओर मंत्रालयों के लिए बनेंगे दस बड़े भवन

सेंट्रल विस्टा के आधुनिकीकरण की इस योजना के तहत राजपथ के दोनों ओर मंत्रालयों के लिए दस बड़े भवन बनेंगे। इसके साथ ही इनमें एक बड़ा कांफ्रेस रुम और संग्रहालय भी बनाया जाएगा। इन भवनों के बीच अंडर ग्राउंड कनेक्टिीविटी रहेगी। साथ ही यह सीधे मेट्रो लाइन से भी जुड़े रहेंगे।

हेरीटेज भवनों से नहीं होगी कोई छेड़छाड़

सेंट्रल विस्टा के आधुनिकीकरण योजना के तहत हेरीटेज भवन की स्थिति पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने साफ किया कि हेरीटेज भवनों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। बल्कि उसे सुसज्जित कर पर्यटकों और आम लोगों के लिए खोला जाएगा।


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