2012 Delhi Nirbhaya case: पहली बार तिहाड़ में एक साथ चार कैदियों को दी गई फांसी
2012 Delhi Nirbhaya Case आइये जानते हैं कैसे तिहाड़ जेल संख्या-3 में शुक्रवार सुबह दी गई फांसी ने कई इतिहास रच डाले हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 2012 Delhi Nirbhaya Case: निर्भया के चारों दोषियों विनय कुमार शर्मा (Vinay Kumar Sharma), पवन कुमार गुप्ता (Pawan Kumar Gupta), मुकेश सिंह (Mukesh Singh) और अक्षय कुमार सिंह (Akshay) को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई। आइये जानते हैं कैसे तिहाड़ जेल संख्या-3 में शुक्रवार सुबह दी गई फांसी ने कई इतिहास रच डाले हैं।
उत्तर भारत में पहली बार एकसाथ 4 को दी गई फांसी
उत्तर भारत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब एक साथ चार कैदियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। इससे पहले महाराष्ट्र की पुणे स्थित जेल में जोशी-अभयंकर मामले में 25 अक्टूबर, 1983 को चार कैदियों को देश में एक साथ पहली बार फांसी दी गई थी। यह मामला भी काफी चर्चित हुआ था, लेकिन उस समय मीडिया की सुर्खियों में इतना नहीं रहा, जितना कि दिल्ली का निर्भया केस।
21वीं सदी में पहली बार किसी जल्लाद ने दी एक साथ 4 को फांसी
शुक्रवार सुबह तिहाड़ जेल में चारों दोषियों को दी गई फांसी ने एक इतिहास और भी रचा है। दरअसल, इसी जेल में इससे पहले जल्लाद पवन के दादा ने इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को तिहाड़ जेल में ही फांसी पर लटकाया था।
दादा ने 2 को फांसी दी, पोता ने चार को
पवन तीसरी पीढ़ी के जल्लाद हैं, जिन्होंने पहली बार चार कैदियों को एकसाथ फांसी पर लटकाया है। इसी के साथ इनके दादा ने ही रंगा-बिल्ला को भी तिहाड़ जेल में ही फांसी पर चढ़ाया था, जिन्होंने गीता चोपड़ा के साथ पहले तो सामूहिक दुष्कर्म किया फिर गीता और उसके भाई को मार डाला था।
पहली बार किसी जल्लाद को मिलेगी इतनी बड़ी रकम
बता दें कि मेरठ से आए जल्लाद पवन को चारों दोषियों को फांसी देने की एवज में कुल 60,000 रुपये अदा करेगा। यह पहला मौका होगा, जब किसी जल्लाद को इतनी ज्यादा रकम दी जाएगी। कुल मिलाकर प्रत्येक फांसी के लिए पवन जल्लाद को 15,000 रुपये दिए जाएंगे।
यह भी जानें
- इसी महीने 5 मार्च को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अक्षय, मुकेश, पवन और विनय शर्मा को फांसी देने के लिए चौथा डेथ वारंट जारी किया था।
- 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 23 वर्षीय पैरामेडिकल की छात्रा के साथ दिल्ली के वसंत विहार इलाके में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था।
- चलती बस में 16 दिसंबर की रात को छह दरिंदों (राम सिंह, एक नाबालिग, विनय, पवन, अक्षय और मुकेश) ने निर्भया के साथ इस कदर दरिंदगी की वह कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही।
- घटना के बाद करीब 15 दिन तक पीड़िता ने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
- एक आरोपित राम सिंह ने वर्ष 2013 में तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी।
- नाबालिग को 2015 में रिहा कर दिया गया था, उसने सुधार गृह में तीन साल का समय बिताए थे। फिलहाल यह क्या कर रहा है इसके बारे में जानकारी गुप्त रखी गई है।