आस्ट्रेलियन कंपनी राजधानी की वायु प्रदूषण पर रखेगी पैनी नजर
इन 20 निगरानी केंद्र को लगाने में 40 करोड़ रुपया खर्च आएगा। कंपनी को अक्टूबर तक सभी केंद्र चालू करने के आदेश दिए गए हैं।
नई दिल्ली [ जेएनएन ]। राजधानी की आबोहवा की निगरानी के लिए अगले दो महीने में 20 नए वायु प्रदूषण निगरानी केंद्र लगाने की जिम्मेदारी पर्यावरण विभाग ने आस्ट्रेलिया की कंपनी इकोटेल को दिया है।
इन 20 निगरानी केंद्र को लगाने में 40 करोड़ रुपया खर्च आएगा। कंपनी को अक्टूबर तक सभी केंद्र चालू करने के आदेश दिए गए हैं। इससे प्रदूषण स्तर की निरंतर व बेहतर जांच संभव हो पाएगी। फिलहाल दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के छह वायु प्रदूषण निगरानी केंद्र चालू हैं।
पर्यावरण विभाग ने उक्त कंपनी को केंद्र स्थापित करने के साथ-साथ 10 वर्षों तक रखरखाव तथा चलाने का भी ठेका दिया गया है। कंपनी को ठेका देने से लेकर निर्माण कार्य पर निगरानी के लिए दिल्ली सरकार ने नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) को सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया है।
एनटीपीसी लगातार काम के गुणवत्ता की जांच करेगा। इसके लिए एनटीपीसी एक करोड़ की राशि दी गई है। एनटीपीसी ने ही प्रदूषण निगरानी केंद्र बनाने के लिए कंपनियों के चयन प्रक्रिया के लिए टेंडर जारी किया था। जिसके तहत पांच कंपनी ने आवेदन किया लेकिन टेक्निकल व वित्तीय जांच के बाद इकोटेल को अब ठेका दिया गया है।
मालूम हो कि दिल्ली व आसपास के इलाकों में प्रतिवर्ष सर्दियों के समय दिसंबर व जनवरी में प्रदूषण जहरीले स्तर तक पहुंचता है। इस पर नियंत्रण रखना सरकार के लिए बड़ी समस्या है। क्योंकि दिसंबर व जनवरी में पंजाब व हरियाणा में पराली जलाई जाती है।
जिसका सीधा असर राजधानी के प्रदूषण स्तर पर पड़ता है। अब राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर की जांच के लिए औद्योगिक क्षेत्रों, रिहायशी इलाकों, रिंग रोड पर स्थित भीड़ भरे इलाकों में वायु प्रदूषण स्तर की मॉनिटरिंग पूरे वर्ष की जाएगी।
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले कुछ महीनों के दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी कई बैठकें बुलाई और वायु प्रदूषण निगरानी केंद्र के निर्माण को लेकर संबंधित विभाग को आदेश दिया था।